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Rajasthan Breaking News: जेके लक्ष्मी सीमेंट लिमिटेड द्वारा गबन का मामला आया सामने, खनन विभाग को करोड़ों का नुकसान

 
Rajasthan Breaking News: जेके लक्ष्मी सीमेंट लिमिटेड द्वारा खान विभाग का गबन का मामला आया सामने, विभाग को करोड़ों का नुकसान

सिरोही न्यूज डेस्क। राजस्थान की इस वक्त की बड़ी खबर में आपको बता दें कि जेके लक्ष्मी सीमेंट लिमिटेड द्वारा खान विभाग की आंख में धूल झोंककर क्रेशर रिजेक्ट की आड़ में 5 लाख टन मेसनेरी स्टोन बेचने का गंभीर मामला सामने आया है। यही नहीं स्क्रीन रिजेक्ट भी रेलवे के फाइलिंग उपयोग के लिए एल एन्ड टी कम्पनी को निर्गमित किए जाने की भी शिकायत खान विभाग को मिली है। इससे विभाग को तो करोड़ों का नुकसान हुआ ही साथ ही पर्यावरण संतुलन बिगड़ा है।

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सिरोही में खनन पट्टा संख्या 10/1999 मैसर्स जे.के. लक्ष्मी सीमेंट लिमिटेड के पक्ष में आवंटित है। सिरोही स्थित खनन पट्टा में लगभग 90 लाख टन क्रेशर रिजेक्ट ओवरबर्डन में पड़ा हुआ है। कम्पनी द्वारा वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में खनन पट्टा से 1.50 लाख टन खनिज मेसेनरी स्टोन का निर्गमन मैसर्स हाईटेक रॉक प्रोडक्ट्स एण्ड एग्रीगेट्स लिमिटेड कम्पनी को किया गया है। कम्पनी को इसके लिए खनिज अभियन्ता, सिरोही द्वारा एस.टी.पी. जारी की गई थी। लेकिन शिकायत मिली कि कम्पनी द्वारा उक्त निर्गमन में क्रेशर रिजेक्ट्स बताया गया जबकि वास्तविकता में क्रेशर रिजेक्ट्स की आड में मेसेनरी स्टोन का निर्गमन किया गया है। इसके अलावा 1.50 लाख टन की निर्धारित मात्रा से काफी अधिक लगभग तीन गुना 5.00 लाख टन तक मेसेनरी स्टोन का निर्गमन किया गया है। जिसकी कीमत 50 करोड़ करोड़ रुपए से ज्यादा मानी जा रही है।

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इस मामले की शिकायत आरटीआई एक्टिविस्ट महावीर सिंह तंवर ने खान मंत्री प्रमोद जैन भाया को शिकायत दी है। शिकायत मिलने के बाद मंत्री प्रमोद भाया एसीएस डॉ सुबोध अग्रवाल को पूरे मामले की जांच कर उचित कार्रवाई के लिए निर्देशित किया है। इसी तरह एक अन्य मामले में जेके लक्ष्मी द्वारा स्क्रीन रिजेक्ट भी एल एण्ड टी कम्पनी को रेल्वे प्रोजेक्ट्स की फिलिंग के काम के लिए किये जाने की जानकारी है। विभाग द्वारा ओवरबर्डन के निर्गमन पश्चात मौके पर वेरिफिकेशन नहीं किया गया है। कम्पनी को उक्त एसटीपी खनन पट्टा क्षेत्र में ओवरबर्डन की उपरी सतह हटाये जाने के नाम पर निदेशालय द्वारा समय-समय पर जारी परिपत्रो के क्रम में जारी किये गये जबकि उक्त खनन पट्टा क्षेत्र में ओवरबर्डन नहीं हटाया जाकर पूर्व से डम्प खनिज का निर्गमन किया गया है।