Rajsamand पर्युषण पर्व का चौथा दिवस वाणी संयम दिवस के रूप में मनाया
मीठी वाणी से पूरा जग होगा आपका: साध्वी डॉ. परमप्रभा
पर्युषण की साधना में श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथ समाज कांकरोली के प्रज्ञा विहार में चातुर्मासरत साध्वी डॉ. परमप्रमा, साध्वी श्रेयस प्रभा एवं साध्वी प्रेक्षा प्रभा ने बुधवार को वाणी संयम दिवस का महत्व बताया। मंगलाचरण श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथ समाज कांकरोली के सदस्यों ने सामूहिक रूप से प्रस्तुत कर कार्यक्रम शुरू किया। साध्वी श्रेयस प्रभा ने भगवान महावीर के भवों का विवेचन किया। साध्वी प्रेक्षा प्रभा ने कहा वाणी पर नियंत्रण से जीवन में कई शुभ परिणामों को पाया जा सकता है। साध्वीश्री डॉ. परमप्रभा ने कहा कि एक कटु वचन जीवन को बर्बाद और एक मधुर वचन जीवन को आबाद कर सकता है। रात्रिकालीन कार्यक्रम के अंतर्गत सेहत का रहस्य विषय पर गोष्ठी हुई। संचालन श्रेया छाजेड ने किया। साहित्यकार नारायण सिंह राव, सुमतिचंद्र मेहता, योगा गुरू कुसुम बापणा ने भी विचार व्यक्त किए। मंत्री धनेन्द्र मेहता ने आभार जताया।
इसी तरह नजरवाड़ी ओसवाल भवन में श्रमण संघीय साध्वी एषणा ने अंतगड़ सूत्र का विवेचन करते हुए धर्म सभा में फरमाया कि संसार परिवर्तनशील है। चीजें हमेशा एक जैसी नहीं रहती। प्रवचन की शुरुआत साध्वी आर्या ने भगवान महावीर के स्तवन से की और साध्वी वृंद द्वारा अंतगड़ सूत्र का प्राकृत भाषा में वाचन किया गया। श्री वर्द्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ कांकरोली के महामंत्री रोशन डांगी ने बताया कि प्रवचन में श्रावक श्राविकाओं ने एकासन, आयंबिल, उपवास, बेला, तेला, चार उपवास आदि कई तपस्याओं के प्रत्याख्यान लिए। प्रवचन सभा में संघ अध्यक्ष महेश पगारिया, उपाध्यक्ष दिनेश बाबेल, सलाहकार डा गोरधनलाल हिंगड़, देशबन्धु हिंगड़, गणपत सिसोदिया, हरकलाल चपलोत, बंशीलाल सोलंकी, कोषाध्यक्ष सागर चंडालिया, मंत्री सुधीर पगारिया आदि उपस्थित थे।