Rajsamand शहर में दशामाता पर्व परंपरानुसार मनाया, महिलाओं ने परंपरागत ढंग से की पूजा अर्चना, होली के 10 दिन बाद आता है पर्व

राजसमंद न्यूज़ डेस्क,राजसमंद शहर में शुक्रवार को परंपरा के अनुसार दशमाता पर्व मनाया गया। इस अवसर पर विवाहित महिलाओं ने दशा माता के थान (पूजा स्थल) पर पहुंचकर पारंपरिक तरीके से पूजा अर्चना की। इसके बाद महिलाओं ने पीपल के पेड़ की परिक्रमा कर दशा माता महिमा की कथा सुनी।
व्रत रखने वाली महिलाओं ने अपने परिवार के सुख-समृद्धि और शांति की कामना की। दशा माता उत्सव होली दहन के दस दिन बाद दशा माता उत्सव मनाया जाता है। होली के बाद से प्रतिदिन महिलाएं दशा माता के थाने जाती हैं और पूजा-अर्चना कर कथा सुनती हैं।
इस दौरान सुहागिन महिलाएं 10 दिन का व्रत भी रखती हैं। आज दस दिन पूरे होने पर दशा माता का पर्व परंपरा के अनुसार मनाया गया। जहां विवाहित महिलाएं अखंड सौभाग्य और परिवार में सुख, शांति और समृद्धि की कामना करते हुए गीत गाकर दशा माता की पूजा करती हैं।
प्रात: काल के शुभ मुहूर्त में महिलाओं ने पारम्परिक वेश धारण कर दशा माता स्थानक पहुंचकर पूजा-अर्चना की, इसके बाद पीपल के वृक्ष की पूजा की और पीपल के वृक्ष के चारों ओर सूत लपेटा तथा गीत गाते हुए परिक्रमा की.
इस दौरान महिलाओं ने कुमकुम, लच्छा, अगरबत्ती और दीप जलाकर पथवारी की पूजा भी की। दशामाता स्थल पर वे अपने गले में कुँआ बाँध कर एक दूसरे की कथा सुनाते और सुनते थे। सुबह पूजा का दौर शुरू हुआ जहां महिलाओं को अपनी बारी का इंतजार करना पड़ा। महिलाएं भी आज व्रत रखती हैं। कार्यक्रम को लेकर महिलाओं में खासा उत्साह देखा गया।