Rajasthan Rajya Sabha Election 2022: राजस्थान में राज्यसभा चुनाव का दंगल शुरू, कांग्रेस और बीजेपी पार्टी में टिकटों पर मंथन जारी
जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान में राज्यसभा चुनाव के लिए तैयारियां शुरू हो गई है। नामांकन की प्रक्रिया की कल अधिसूचना जारी होते राजस्थान में अब राज्यसभा चुनावों का दंगल शुरु हो गया है। प्रदेश में राज्यसभा की 4 जुलाई को रिक्त हो रही 4 सीटों के लिए चुनाव होना है। जुलाई बीजेपी के चार राज्यसभा सांसदों ओम प्रकाश माथुर, के.जे. अल्फोंस, रामकुमार वर्मा और डॉ हर्षवर्धन सिंह डूंगरपुर रिटायर हो रहे हैं। इनकी सीटों पर 10 जून को मतदान होना है।

विधायकों की संख्या के लिहाज से एक सीट पर बीजेपी का प्रत्याशी जीतना तय है लेकिन 30 विधायकों के अतिरिक्त वोट होने के कारण भाजपा दूसरा प्रत्याशी भी उतार सकती है और इसके लिए उसकी निर्दलीय विधायकों और कांग्रेस के नाराज विधायकों पर निगाह पर है। प्रदेश भाजपा नेता इस चुनाव में दूसरे प्रत्याशी को जिताने के लिए निर्दलीय विधायकों के साथ कांग्रेस सरकार और पार्टी से नाराज चल रहे विधायकों की भी मदद ले सकती है।
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प्रतिपक्ष के उपनेता राजेन्द्र राठौड़ और पूर्व मंत्री वासुदेव देवनानी ने दावा किया हैं कि कुछ विधायक हमारे संपर्क में है। राठौड़ ने कहा कि भाजपा प्रत्याशी उतारे जाने को लेकर एक रणनीति के तहत फैसला लेगी फिलहाल प्रदेश कोर कमेटी ने इस मसले पर प्रारंभिक चर्चा कर ली है और पार्टी आलाकमान के निर्देश के बाद पार्टी अपने पत्ते खोलेगी। राठौड़ के अनुसार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी सरकार और सत्ता बचाए रखने के लिए निर्दलीय व अन्य छोटे राजनीतिक दलों के विधायकों को मंत्रिमंडल और सरकार में कई पद देने का आश्वासन दिया था, लेकिन वह आश्वासन पूरा नहीं हुआ जिसके बाद विधायकों में आक्रोश है राठौड़ ने कहा कि इसी आक्रोश के चलते यदि विधायकों के अंदर सरकार के प्रति नाराजगी है और वह बाहर आते हैं तो विपक्ष के नाते बीजेपी उनका वेलकम करेगी।

हाल ही में डूंगरपुर से विधायक गणेश घोघरा ने इस्तीफा दे दिया था। इसके अलावा विधायक रामलाल मीणा, बसपा से कांग्रेस में आए वाजिब अली,संदीप यादव, कांग्रेस के ही भरत सिंह, दयाराम परमार कई बार अपनी नाराजगी दिखा चुके हैं और भाजपा इसका फायदा लेने के मूड में है। वैसे विधायकों की संख्या को देखते हुए राज्यसभा चुनाव में 3 सीटें कांग्रेस और 1 सीट बीजेपी के खाते में जाने की संभावना है। वैसे तीसरी सीट पर जीत के लिए कांग्रेस को निर्दलीय और अन्य दलों का सहयोग लेना होगा। साथ ही अपने सहयोगी और निर्दलीय विधायकों पर भी आश्रित रहना पड़ेगा। इस सीट को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के बीच जोड़तोड़ रहेगी। वहीं दोनों दलों के संभावित दावेदारों ने राज्यसभा टिकट के लिए लॉबिंग शुरू कर दी है, तो पार्टी में टिकटों को लेकर मंथन किया जा रहा है।
