Rajasthan Assembly Election 2023: मिशन 2023 में कांग्रेस को कमजोर बना सकती यह दूरी, महंगाई की रैली में पायलट पहुंचे तो गहलोत गायब
जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान में बीजेपी ने मिशन 2023 का बिगुल बजा दिया है और कांग्रेस में अभी भी आंतरिक कलह देखने को मिल रहा है। कांग्रेस के तमाम नेता कहते हैं कि पार्टी में किसी तरह की फूट नहीं है। बगावत के प्रयास और होटलों में 34 दिन की बाड़ेबंदी के बावजूद प्रदेश कांग्रेस में सब कुछ ठीक होने के दावे किए जा रहे हैं। लेकिन राजनीतिक गलियारों में यह दावा आज भी किया जा रहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच आज भी दूरी बनी हुई है। पायलट भी गहलोत के कार्यप्रणाली पर कई बार सवाल उठा चुके हैं। गहलोत और पायलट दोनों की आपसी अदावत चरम पर है। भले ही वे एक दूसरे का नाम नहीं लेते हैं लेकिन आए दिन दोनों नेता एक दूसरे पर तीखे कमेंट करते आए हैं।
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एक बार फिर गहलोत और पायलट के बीच की दूरिया जगजाहिर हो गई। जब आज महंगाई मुक्त भारत अभियान के तहत कांग्रेस पार्टी के विरोध प्रदर्शन में सचिन पायलट पहुंच गए लेकिन सीएम अशोक गहलोत शामिल नहीं हुए है। आज अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के आह्वान पर कांग्रेस महंगाई के खिलाफ अभियान चलाया है। महंगाई मुक्त भारत अभियान के तहत कांग्रेस ने केन्द्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। स्वयं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तीन दिन पहले ट्वीट करके आह्वान किया कि जयपुर के सिविल लाइन फाटक के पास महंगाई के खिलाफ बड़ा प्रदर्शन है। ज्यादा से कांग्रेसी नेताओं और कार्यकर्ताओं को शामिल होने का आह्वान किया गया। तय कार्यक्रम के अनुसार कई मंत्री, विधायक और पार्टी पदाधिकारी आज सुबह 11 बजे सिविल लाइन फाटक पहुंच कर इस कार्यक्रम में शामिल हुए है।
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आज सिविल लाइन फाटक पर महंगाई मुक्त भारत अभियान के लिए बनाए गए मंच पर अलग अलग नेताओं का भाषण हो रहा था और सभी नेता मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का इंतजार कर रहे थे। इसी दौरान पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट प्रदर्शन में पहुंचे। सचिन पायलट ने मंच से संबोधित भी किया है। इसी दौरान सूचना आई कि मुख्यमंत्री का आना निरस्त हो गया है। मुख्यमंत्री का सरकारी बंगला 8, सिविल लाइन धरना स्थल से महज 100 मीटर दूर है लेकिन मुख्यमंत्री द्वारा कार्यक्रम में शामिल नहीं होने की सूचना अचानक मिलने से सब चकित रह गए। इससे एक बार फिर कांग्रेस के आंतरिक कलह की सुगबुगाहट सामने आई है। जो कि आगामी चुनावी मिशन पर घातक प्रभाव डाल सकती है।
