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Rajasthan Assembly Election 2023: कांग्रेस के मिशन 2023 में सचिन पायलट का नहीं दिख रहा साथ, आजादी यात्रा से दूरी पर सियासी चर्चा

 
Rajasthan Assembly Election 2023: कांग्रेस के मिशन 2023 में सचिन पायलट का नहीं दिख रहा साथ, आजादी यात्रा से दूरी पर सियासी चर्चा

जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान में इस वक्त आगामी विधानसभा 2023 के चुनावों का आगाज हो चुका है और ऐसे में बीजेपी व कांग्रेस मिशन 2023 की तैयारियों में जुट गई है। लेकिन कांग्रेस में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट खेमे के बीच अंदरुनी खींचतान फिर देखने को मिल रही है। कांग्रेस की आजादी यात्रा से सचिन पायलट की दूरी को खींचतान से जोड़कर देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रभारी अजय माकन और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा जयपुर से एक ही प्लेन में उदयपुर और फिर वहां से हेलिकॉप्टर से गुजरात बॉर्डर गए। जबकि उस वक्त सचिन पायलट जयपुर में थे, लेकिन उन्हें साथ नहीं लिया गया। ऐसे में सियासी गलियारों में इस बात का कयास लगाए जा रहें कि कांग्रेस के मिशन 2023 में पूर्व डिप्टी सीएम पायलट साथ नही है।

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आपको बता दें कि इससे पहले उपचुनावों में जब गहलोत-माकन- डोटासरा सभाओं में गए थे। तब पायलट को साथ लिया था। एकता दिखाने के लिए हेलिकॉप्टर में सेल्फी लेकर उसे शेयर भी किया था। आज कांग्रेस की आजादी यात्रा में शामिल होने के लिए नेता जयपुर से गए, लेकिन प्लेन और हेलिकॉप्टर में पायलट साथ नहीं थे। आजादी यात्रा से पायलट की दूरी सियासी चर्चा का विषय बनी हुई है। आजादी यात्रा की सभा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ​सचिन पायलट खेमे की बगावत को याद करते हुए अमित शाह और गजेंद्र सिंह पर हमले बोले। गहलोत ने शाह और शेखावत पर कांग्रेस पार्टी में तोड़फोड़ करने का बयान देकर नाम लिए बिना सचिन पायलट पर भी निशाना साधा। पिछले लंबे समय से गहलोत हर सभा में सरकार गिराने के षड्यंत्र के आरोप लगाते हैं। सचिन पायलट ने हाल ही दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात की थी। मुख्यमंत्री से बीकानेर दौरे के दौरान जब पायलट राहुल की मुलाकात के बारे में पूछा तो गहलोत ने कहा था कि मैंने वहां कोई कैमरे नहीं लगा रखे हैं। गहलोत का यह बयान भी पायलट पर एक तरह से तंज माना गया।

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सचिन पायलट हर चुनाव में कांग्रेस के स्टार प्रचारक की भूमिका में रहे हैं। अब तक पार्टी के हर कार्यक्रम में प्रमुखता से भाग लेते रहे हैं। जयपुर में महंगाई के खिलाफ हुए धरने-प्रदर्शन में भी पायलट शामिल हुए थे। सरकार बनने के बाद हुए उपचुनावों में पायलट को हर बड़ी सभा में साथ रखा गया था। आज आजादी यात्रा की सभा में पायलट को साथ नहीं लेने पर सियासी हलकों में कई तरह की चर्चाएं हैं। राजनीतिक जानकार इसे कांग्रेस की खींचतान से जोड़कर देख रहे हैं। हालांकि, कारण जो भी हो इससे नुकसान कांग्रेस पार्टी को ही होगा। इसके लिए कांग्रेस के आला कमान पहले भी दोनों में सुलाह करवाई गई थी और अब फिर दोनों की बीच दूरिया बए़ रही है। यह कांग्रेस के मिशन 2023 में बड़ा बाधा बन सकता है।