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Rajasthan Assembly Election 2023: करौली हिंसा को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में सियासत जारी, प्रदेश में मिशन 2023 के बन रहें समीकरण

 
Rajasthan Assembly Election 2023: करौली हिंसा को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में सियासत जारी, प्रदेश में मिशन 2023 के बन रहें समीकरण

जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान में आगामी विधानसभा 2023 के चुनावी समीकरण अभी से बनने शुरू हो गए है। करौली जिले में हुए उपद्रव के बाद अब बीजेपी और कांग्रेस में सियासत तेज होती दिखाई दी है। करौली हिंसा के मामले को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी पर धर्म की राजनीति करने को आरोप लगाया है, बीजेपी ने कांग्रेस पर तुष्टीकरण की नीति का आरोप लगाया गया है। भाजपा का कहना है कि वह धर्म की राजनीति करती है, जबकि भाजपा कर्म की राजनीति करती है। करौली कांग्रेस की तुष्टिकरण नीति के कारण ही जला है। ऐसे में आगामी चुनाव को लेकर दोनों पार्टिया राजस्थान में समीकरण बनने में लगी हुई है।

करौली सीमा पर पहुंचे भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या, पुलिस और भाजयुमो के कार्यकर्ता में हुई झड़प

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करौली में हुई हिंसा में घायल हुए लोगों से मिलने के लिए आज बीजेपी के राष्ट्रीय युवा मोर्चा अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या पहुंचे है। बीजेपी करौली में आज न्याय यात्रा में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया और बीजेपी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या भी करौली हिंसा पीड़ितों से मिलने जा रहे थे। लेकिन सलेमपुर बॉर्डर पर भाजपा की न्याय यात्रा को भारी पुलिस बल ने आगे नहीं बढ़ने दिया। ऐसे में तेजस्वी सूर्या सहित भाजपा नेता धरने पर बैठ गए। लेकिन बाद में उन्होने गिरफ्तारी दे दी है। ऐसे में आज करौली में एक बार फिर से माहौल गरमा गया था। लेकिन हालात अब नियंत्रण में है। इसके बाद बीजेपी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेस कर बताया है कि सीएम गहलोत खुद गृहमंत्री बने है, ताकि वे अपनी कुर्सी का बचाए।

करौली सीमा पर बीजेपी की न्याय यात्रा को रोका गया, सीमा पर बढ़ती तनाव पूर्ण स्थिति

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वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस के कैबिनेट मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने बताया है कि बीजेपी प्रदेश में आग लगाकर वोटबैंक को पाना चाहती है। करौली में दंगे भड़का कर राज्य में अशांति को फैलाने की कोशिश की है। लेकिन प्रदेश सरकार ने प्रदेश में धारा 144 लगा कर उसकी मंशा पर पानी फेर दिया है। ऐसे में एक बार फिर करौली में दंगे करवाना चाहती है। इसलिए आज उनको करौली में जाने नहीं दिया गया है। करौली मसले को लेकर प्रदेश में अब हिंदु—मुस्लिम की राजनीति दिखाई दे रहीं है। बीजेपी प्रदेश में बहुसंख्यक हिंदुओं को प्रताडित करने का आरोप लगाया है और मुस्लिम लोगों को सरकार के सरंक्षण दिया जा रहा है। ऐसे में अब साफ तौर प्रदेश में हिंदु—मुस्लिम के नाम पर आगामी चुनाव में समीकरण बने दिखाई दे रहें है।