Rajasthan Assembly Election 2023: कांग्रेस की एक टिकट और एक परिवार की शर्त का मिशन 2023 में प्रियंका और वैभव को मिलेंगा फायदा
जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान में आगामी विधान सभा 2022 के चुनावों की रणनीति को लेकर इस वक्त उदयपुर में कांग्रेस के तीन दिवसीय नव-संकल्प चिंतन शिविर का आयोजन किया जा रहा है और इसके पहले दिन ही पार्टी में कई बड़े सुधारों को लेकर चर्चा हुई। 400 से ज्यादा कांग्रेसियों के बीच मंथन के दौरान एक परिवार, एक टिकट’ की व्यवस्था पर भी बात हुई। इस व्यवस्था को लागू करने पर चिंतन के दौरान एक प्रावधान भी जोड़ने पर मंथन हुआ। इसके तहत परिवार के किसी दूसरे सदस्य को टिकट तभी मिलेगा जब उसने पार्टी के लिए कम से कम 5 साल तक काम किया हो।
हाल में मिली नाकामयाबियों से हम बेखबर नहीं हैं, न ही हम बेखबर हैं उस संघर्ष से या उस संघर्ष की कठिनाइयों से जिससे हमें जीतना है : कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी#NavSankalpShivir pic.twitter.com/Jytak3zlvA
— Congress (@INCIndia) May 13, 2022
कांग्रेस के एक परिवार, एक टिकट के प्रस्ताव को स्वीकृति मिलने और इस प्रावधान के लागू होने की स्थिति में गांधी-नेहरू परिवार के साथ राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के परिवार के सदस्यों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। बल्कि इसका इन दोनों के भावी युवा नेताओं को फायदा होगा। राहुल गांधी के साथ प्रियंका गांधी वाड्रा के अगला लोकसभा चुनाव लड़ने का रास्ता साफ रहेगा क्योंकि प्रियंका 2019 के शुरु में सक्रिय राजनीति में उतरी थीं। इसी तरह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके पुत्र वैभव गहलोत के एक साथ चुनाव लड़ने में दिक्कत नहीं होगी, क्योंकि वैभव पिछले कई वर्षों से पार्टी संगठन से जुड़े हुए हैं।

चिंतन शिविर के लिए बनी संगठन संबंधी समन्वय समिति के सदस्य माकन ने बताया, एक परिवार, एक टिकट पर चर्चा हुई है। इस पर सहमति बन रही है। इसमें यह प्रावधान भी होगा कि परिवार के दूसरे व्यक्ति को टिकट पाने के लिए कम से कम पांच साल तक पार्टी के लिए काम करना होगा। ऐसा नहीं होना चाहिए कि किसी पुराने नेता का बेटा एकाएक चुनाव लड़ ले।

अगर किसी को चुनाव लड़ना है तो उसे संगठन के लिए अपने पांच साल देने होंगे। ऐसे में वैभव गहलोत और प्रियंका गांधी को इस बंधिश से छूट मिलेंगी और वे आगामी विधानसभा में एक बार अपनी किश्मत आजमा सकते है। इससे पार्टी को भी बड़ा फायदा मिल सकेंगा।
