Rajasthan Assembly Election 2023: कांग्रेस के मिशन 2023 में मददगार होंगी कांग्रेस सेवादल की निकाली गई आजादी की गौरव यात्रा
जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान में आगामी विधान सभा की तैयारिया अभी से ही शुरू हो चुकी है। इसके चलते कांग्रेस सेवादल की आजादी गौरव यात्रा काफी मददगार साबित होंगी। कांग्रेस सेवादल की ओर से गुजरात के साबरमती से 1171 किलोमीटर लंबी आजादी की गौरव यात्रा 6 अप्रैल को शुरू हुई थी, जो 1 जून को 58 दिन बाद दिल्ली के राजघाट पहुंचेगी। कांग्रेस सेवादल की ओर से इस यात्रा का नेतृत्व किया जा रहा है। इस यात्रा में साथ चलने वाली गाड़ी में बड़ी स्क्रीन होगी, जिसमें आजादी के पहले और आजादी के बाद अब तक देश के विकास में कांग्रेस के योगदान को फिल्मों के जरिए दिखाया जाएगा। दक्षिणी राजस्थान में जनजाति वोटरों को साधने के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही रणनीति बनाना शुरू कर दिया है। आमतौर पर विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस और भाजपा की बड़ी सभाएं उदयपुर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर में होती आई है।
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कांग्रेस का दावा है कि यह यात्रा 750 गांवों और महानगरों से गुजरेगी, जिसमें करीब 3 लाख लोगों से कांग्रेस का सीधा संवाद होगा. इस यात्रा में सेवादल के 100 से ज्यादा नेता और कार्यकर्ता हर समय साथ चलेंगे तो वहीं जिन विधानसभाओं से होकर यह यात्रा निकलेगी वहां प्रदेश कांग्रेस के नेता, विधायक और प्रमुख नेता भी अपनी विधानसभा में पैदल मार्च करेंगे। यह यात्रा रोजाना सुबह 10 किलोमीटर और शाम को 5 किलोमीटर की दूरी तय कर रही है। राजस्थान में यह यात्रा 7 जिलों की 32 विधानसभा से गुजरेगी। जिन जिलों से यह यात्रा गुजरेगी उनमें डूंगरपुर, उदयपुर, राजसमंद, अजमेर, पुष्कर, जयपुर और अलवर शामिल है. इस दौरान सभी विधानसभाओं में कार्यक्रम तो होंगे। आज डूंगरपुर के रतनपुर बॉर्डर पर इसका स्वगात किया गया है। इस सभा में हिस्सा लेने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अजय माकन पहुंचे है। इसके बाद 9 मई को दूदू और 20 मई को कोटपूतली में बड़ी सभा का आयोजन होगा।
वहीं, दूसरी तरफ बीते दिनों आदिवासी नेता किरोड़ी मीणा ने घोषणा की थी कि अमित शाह के डूंगरपुर-बांसवाड़ा दौरे की तैयारी की जा रही है। इस दौरे का मकसद आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में बीजेपी संगठन को मजबूत बनाना है। इस इलाके में बाल मजदूरों की तस्करी, भूखमरी, कुपोषण, धर्मांतरण आदि अहम मुद्दे हैं। अभी दौरे की तारीख तय नहीं हुई है, लेकिन शाह के दौरे की तैयारी की जा रही है। बांसवाड़ा व डूंगरपुर की 9 सीटों में से भाजपा के पास 3 सीटें ही हैं। दो पर बीटीपी का कब्जा है। बाकी चार कांग्रेस के पास है। उदयपुर जिले में आठ में से छह सीटें जनजाति बाहुल्य है। मौजूदा स्थिति में छह में से पांच पर भाजपा है। कांग्रेस के पास एक मात्र सीट है। बीटीपी लगातार आदिवासी मुद्दों को लेकर संघर्ष कर रही है। इसको लेकर दोनों की पार्टियां चिंतित है। इसके अलावा कांग्रेस बीजेपी के धर्म की राजनीति के बदले गौरव यात्रा के द्वारा राजस्थान के लोगों में कांग्रेस का सकारात्मकता का संदेश देना चाह रही है।