Rajasthan Assembly Election 2023: सीएम गहलोत ने डूंगरपुर दौरे पर साधा बीजेपी पर निशाना, सरकार गिराने के लिए 35 करोड़ में खरीदे एमएलए
डूंगरपुर न्यूज डेस्क। दक्षिणी राजस्थान में जनजाति वोटरों को साधने के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही रणनीति बनाना शुरू कर दिया है। आमतौर पर विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस और भाजपा की बड़ी सभाएं उदयपुर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर में होती आई है। अभी चुनाव में एक साल बाकी है लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अब चुनावी मूड में नजर आए है। आज डूंगरपुर काग्रेस सेवा दल की आजादी की गौरव यात्रा कार्यक्रम में जमकर बीजेपी पर निशाना साधा है। सीएम गहलोत ने बीजेपी पर एमएल को खरीदने का आरोप लगाते हुए बताया है कि बीजेपी ने राजस्थान में कांग्रेस की सरकार को गिराने के लिए बीजेपी ने 35—35 करोड में एमएल को खरीदने की कोशिश की है। लेकिन वे सरकार गिराने में कामयाब नहीं हो पाएं है।
आज डूंगरपुर में कांग्रेस सेवा दल की आजादी की गौरव यात्रा के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम गहलोत बीजेपी पर जमकर बरसे। उन्होने केद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से लेकर धर्मेद्र प्रधान तक को जमकर घेरा है। सीएम गहलोत ने कहा है कि राज्य में कानून व्यवस्था चौपट थी, तो सरकार भंग करते है। उनमें दम नहीं था, इसलिए पैसे के दम पर सरकार गिरने की कोशिश की थी। बीजेपी के द्वारा मध्य प्रदेश में पैसे के दम पर सरकार गिराई गई। उन्होने 22 एमएलए को 35—35 करोड़ रूपए देकर खरीदा। विधायको को खरीदकर सरकार गिराई, ये क्या लोकतंत्र है। बीजेपी ने राजस्थान में कांग्रेस की सरकार को गिराने की साजिश रची थी। इसमें अमित शाह, गजेंद्र सिंह शेखावत और धर्मेद्र प्रधान शामिल थे। पैसे के दम पर बीजेपी हमारी पार्टी को तोड़ने की कोशिश की है। ये क्या लोकतंत्र है, ये लोग देश को कहा ले जा रहें है। राजस्थान में अब धर्म के नाम पर राजनीति शुरू कर दी है।
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सीएम गहलोत ने करौली घटना को लेकर कहा है कि बीजेपी के लोग राजस्थान में आग लगाने के लिए है और आग लगा कर चले जाते है। लोगों का धर्म के नाम पर लड़वाकर ये केवल अपना वोटबैंक पक्का कर रहें है। ऐसे में लोगों को यह समझना आवश्यक है कि आज मंहगाई कहां से कहां पहुंच गई। लेकिन कोई भी बीजेपी को नेता मंहगाई के मुद्दे पर बात नहीं करता है। केवल धर्म के नाम पर राजनीति करते है। आपको बता दें कि बांसवाड़ा व डूंगरपुर की 9 सीटों में से भाजपा के पास 3 सीटें ही हैं। दो पर बीटीपी का कब्जा है। बाकी चार कांग्रेस के पास है। उदयपुर जिले में आठ में से छह सीटें जनजाति बाहुल्य है। मौजूदा स्थिति में छह में से पांच पर भाजपा है। कांग्रेस के पास एक मात्र सीट है। बीटीपी लगातार आदिवासी मुद्दों को लेकर संघर्ष कर रही है। इसको लेकर दोनों की पार्टियां चिंतित है। ऐसे में आज एक बार फिर सीएम अशोक गहलोत ने यहां पर चुनावी दांव खेला है।