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Presidential Election 2022: राजस्थान में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर तैयारियां हुई तेज, प्रदेश के इन आदिवासी नेताओं के नामों पर चर्चा

 
Presidential Election 2022: राजस्थान में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर तैयारियां हुई तेज, प्रदेश के इन आदिवासी नेताओं के नामों पर चर्चा

जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान में राज्यसभा चुनाव के बाद अब राष्ट्रपति चुनाव को लेकर तैयारियां तेज हो गई है। आपको बता दें कि राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री भैरों सिंह शेखावत ने उप राष्ट्रपति का पद संभाला था वे राष्ट्रपति का चुनाव भी लड़े लेकिन राजस्थान से ही ताल्लुक रखने वाली प्रतिभा पाटिल से चुनाव हार गए थे। इस बार राज्यसभा चुनाव ने राजस्थान से बीजेपी को घाटे में पहुंचाया है, हालांकि ओवरआल वोटों का गणित देखे तो बीजेपी या यूं कहे एनडीए मजबूत है। सवाल ये उठ रहा है कि राजस्थान से भी किसी नाम पर विचार हो रहा इनमें प्रमुख आदिवासी नेता कनक मल कटारा और बाबू लाल खराड़ी नामों पर चर्चा हो रहीं है।

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राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री भैरों सिंह शेखावत ने इतिहास बनाया था। जब राजस्थान का कोई व्यक्ति उप राष्ट्रपति के ओहदे पर पहुंचा। राजस्थान के मुख्यमंत्री से लेकर उप राष्ट्रपति पद तक भैरों सिंह शेखावत का सफर आसान नहीं था, कड़ी मेहनत के बल और राजनीतिक चातुर्य के बल पर उन्होंने मुकाम हासिल किया। तब अटल बिहारी वाजपेई की सरकार संख्या बल में उतनी पॉवरफुल नहीं थी जितनी आज मोदी सरकार है लेकिन अटल, आडवाणी और शेखावत के त्रिकोण ने भैरों सिंह शेखावत को सफलता तक पहुंचा दिया था।

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आपको बता दें कि राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री भैरों सिंह शेखावत के बाद बीजेपी में इस वक्त ऐसा कोई नेता नहीं है जिसे राष्ट्रपति चुनाव में उतारा जा सके। इसके बावजूद यहीं के कुछ आदिवासी नेताओं के नाम चर्चा बनी हुई है। इनमें प्रमुख नाम है बांसवाड़ा-डूंगरपुर सांसद कनक मल कटारा और झाड़ोल से बीजेपी विधायक बाबू लाल खराड़ी के नामों पर चर्चा हो रहीं है। दोनों ही दक्षिण राजस्थान के ट्राइबल बेल्ट से आते है। संघ पृष्ठभूमि से दोनों का ताल्लुक है, खराड़ी साधारण परिवार से आते है और हाल ही में इन्हें विधानसभा में सर्वश्रेष्ठ विधायक भी चुना गया था।

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राष्ट्रपति चुनाव के लिए 18 जुलाई को मतदान और 21 जुलाई को काउंटिंग की घोषणा के बाद नेताओं के घरों की फोन की घंटियां बजने लगीं और मंथन शुरू हो गया है। सत्तारूढ़ भाजपा की अगुआई वाले एनडीए के पास कुल 10.79 लाख वोटों के आधे से थोड़ा कम यानी 5,26,420 है। एसे में उसे वाईएसआर कांग्रेस और बीजू जनता दल की मदद की आवश्यकता होंगी। पीएम नरेंद्र मोदी को राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को लेकर अंतिम फैसला लेना है लेकिन इन दोनों क्षेत्रीय पार्टियों के सहयोग की भगवा दल को जरूरत होगी।