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Rajasthan Breaking News: पोकरण में स्वदेशी हेलेना मिसाइल का किया गया सफल परीक्षण, हवा में बदले लक्ष्य को भी नष्ट करने में सक्षम

 
Rajasthan Breaking News: पोकरण में स्वदेशी हेलेना मिसाइल का किया गया सफल परीक्षण, हवा में बदले लक्ष्य को भी नष्ट करने में सक्षम

जैसलमेर न्यूज डेस्क। राजस्थान की बड़ी खबर में आपको बता दें कि जैसलमेर के पोकरण फायरिंग रेंज में ध्रुवास्त्र हेलिना मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया है। पोकरण में हुए टेस्ट में हेलिना मिसाइल ने सिमुलेटेड टैंक को नष्ट किया है। इसकी रेंज 7 किलोमीटर तक है और इसमें 8 किलो विस्फोटक लगाकर बेहतरीन मारक मिसाइल बनाया गया है। अब जल्द ही हेलिकॉप्टर से लॉन्च की जाने वाली एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल भारतीय सेना को मिलने की उम्मीद है। मिसाइल का परीक्षण थल और वायु सेनाओं की निगरानी में किया गया है। स्वदेशी एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर से लॉन्च की गई हेलिना मिसाइल का ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया गया है।

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जैसलमेर के फायरिंग रेंज में हेलेना मिसाइल के परीक्षण में रक्षा अनुसंधान और विकास के वैज्ञानिकों के साथ भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना की संयुक्त टीम मौजूद रही है। मिसाइल को एक इन्फ्रारेड इमेजिंग सीकर से निर्देशित किया जाता है, जो लॉन्च से पहले लॉक ऑन मोड में काम करता है। यह दुनिया के सबसे उन्नत एंटी टैंक हथियारों में से एक है। इसका वजन करीब 45 किलोग्राम है। ये 6 फीट एक इंच लंबी है। इसका व्यास 7.9 इंच है। यह हवा में बदले गए टारगेट का नष्ट करने में सक्षम है। इसलिए इसके बारें में कहा गया है कि एक बार दागो और भूल जाओं। हेलिकॉप्टर से लॉन्च की जाने वाली नाग मिसाइल की रेंज बढ़ाकर इसे 'ध्रुवास्त्र हेलिना ' का नाम दिया गया है। इसे एचएएल के रूद्र और लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टरों पर ट्विन-ट्यूब स्टब विंग-माउंटेड लॉन्चर से लॉन्च किया जाना है। इसकी संरचना नाग मिसाइल से अलग है। मिसाइल का लॉक ऑन चेक करने के लिए 2011 में पहली बार एक लक्ष्य पर लॉक करके लॉन्च किया गया है।

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डीआरडीओ के अनुसार ध्रुवास्त्र एक तीसरी पीढ़ी की 'दागो और भूल जाओ' एंटी टैंक मिसाइल  है, जिसे एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर पर स्थापित किया गया है। ध्रुवास्त्र मिसाइल हर मौसम में हमला करने में सक्षम है। दिन या रात दोनों समय यह कारगर है। इसमें 8 किलो विस्फोटक लगाकर इसे बेहतरीन मारक मिसाइल बनाया जा सकता है। देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संयुक्त रूप से पहली उपलब्धि के लिए डीआरडीओ और भारतीय सेना को बधाई दी है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी ने कठिन परिस्थितियों में किए गए सराहनीय काम के लिए टीमों को बधाई दी है।