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Rajasthan Politics News: राजस्थान प्रभारी रंधावा और पायलट में इस बात की है समानता, जाने इस समानता के बारे में

 
Rajasthan Politics News: राजस्थान प्रभारी रंधावा और पायलट में इस बात की है समानता, जाने इस समानता के बारे में

जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान में इस साल विधानसभा के चुनाव है और इस बीच कांग्रेस के  दिग्गज नेता सचिन पायलट ने खुद की सरकार पर सवाल उठा कर भूचाल ला दिया है। सचिन पायलट की ओर से अपनी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले जाने के बाद राजस्थान की राजनीति में भूचाल आ गया है। राजस्थान में घटित हो रहे सियासी घटनाक्रम को कई लोग पंजाब कांग्रेस एपिसोड से भी जोड़कर देख रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि पंजाब में कैप्टन अमरिंदर को मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के दौरान उनके खिलाफ पंजाब कांग्रेस प्रभारी नवजोत सिंह सिद्धु के साथ जेल और सहकारिता मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने मोर्चा खोला था। पंजाब में छाए सियासी संकट के दौरान तब सुखजिंदर सिंह वो शख्स थे, जिनका नाम खूब सुर्खियों में रहा। कैप्टन अमरिंदर के इस्तीफे के बाद यह माना जा रहा था कि सुखजिंदर ही अगले सीएम बनेंगे। लेकिन बाद में नवजोत सिंह सिद्धु से हुई उनकी अनबन और कांग्रेस की ओर से दलित चेहरे के रूप में चरणजीत सिंह चन्नी पर दांव खेले जाने के कारण उनका सपना अधूरा रह गया।

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बता दे कि पंजाब में साल 2022 में चुनाव होने के बाद यहां कांग्रेस को सत्ता से हाथ धोना पड़ा। जानकार इसकी एक वजह वहां हुई कांग्रेस की कलह को भी मानते हैं। पंजाब में कांग्रेस सरकार का कार्यकाल पूरा होने के बाद सुखजिंदर सिंह रंधावा को राजस्थान कांग्रेस का प्रभारी बनाया गया। उन्होंने राजस्थान कांग्रेस प्रभारी पद संभालते वक्त यह दावा भी किया था कि वो जल्द ही गहलोत और पायलट के बीच चल रही तकरार को खत्म करवा देंगे। इस सियासी तकरार को लेकर रंधावा ने अपने पंजाब अनुभव का दावा भी किया था। हालांकि चुनावी साल में एक बार फिर राजस्थान में अशोक गहलोत बनाम सचिन पायलट की राजनीति तेज हो गई है। पंजाब में भी चुनाव की आखिरी साल ही बगावत देखने को मिली थी। इस दौरान सिद्धु के साथ सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भी मंत्री रहते हुए भी सरकार पर चुनावी वादों को पूरा ना कर पाने का आरोप लगाया था। वहीं अब पायलट भी राजस्थान चुनाव से पहले अपनी सरकार पर चुनावी वादे को पूरा ना करने का आरोप लगा रहे हैं।

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कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने हाल ही में अपनी ही पार्टी की सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। उन्होंने कहना है कि ‘पूर्ववर्ती भाजपा शासन के दौरान जब हम विपक्ष में थे। तब अशोक गहलोत जी, मैं और अन्य नेता नेताओं ने जनता से वादा किया था कि वसुंधरा राजे के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। सत्ता में आने के साढ़े 4 साल बाद भी पूर्ववर्ती सरकार के भ्रष्टाचार पर कार्रवाई नहीं करना दुर्भाग्यपूर्ण है। पायलट ने कहा कि हमारी कथनी और करनी में अंतर नहीं होना चाहिए। अगर कथनी और करनी में अंतर होगा तो जनता को लगेगा कि ऊपरी लेवल पर कोई मिलीभगत हुई है। पायलट का कहना है कि हमने चुनाव के दौरान जो वादा किया वो पूरा नहीं हुआ है। इस पर जल्द से जल्द सरकार को फैसला लेना चाहिए। ताकि आगामी चुनाव में हम मजबूती के साथ जनता के सामने जा सकें।

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राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने पायलट की नाराजगी पर कहा कि उन्होंने भले ही भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया हो लेकिन उनका ये मुद्दा उठाने का तरीका गलत है। रंधावा ने कहा कि जब सचिन पायलट राजस्थान के उपमुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ थे, तब उन्होंने भ्रष्टाचार का मुद्दा क्यों नहीं उठाया। रंधावा ने आगे कहा कि सचिन पायलट को मुझसे बात करनी चाहिए थी। मैं सीएम गहलोत से बात करता अगर इसके बाद भी कोई एक्शन नहीं लिया जाता तो फिर पायलट को अनशन का हक था, लेकिन उन्होंने पार्टी में मुद्दे को रखने के बजाय सीधे ही अनशन का रास्ता चुना, जो कि सही नहीं है।