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Rajasthan Politics News: कांग्रेस के विधायकों के इस्तीफे मामले में गरमाई प्रदेश की राजनीति, कांग्रेस के पूर्व विधायक ने की जांच की मांग

 
Rajasthan Politics News: कांग्रेस के विधायकों के इस्तीफे मामले में गरमाई प्रदेश की राजनीति, कांग्रेस के पूर्व विधायक ने की जांच की मांग

जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान में आगामी दिनों में विधानसभा के चुनाव होने वाले है और इस बीच कांग्रेस के विधायकों के इस्तीफों पर विवाद गहराता जा रहा है। विधानसभा सचिव की तरफ से हाईकोर्ट में पेश जवाब में मर्जी से इस्तीफे नहीं देने का जिक्र करने पर कांग्रेस की अंदरूनी सियासत फिर गरमाने लगी है। अब सचिन पायलट समर्थक कांग्रेस विधायक और पूर्व स्पीकर दीपेंद्र सिंह शेखावत ने दबाव में दिए गए इस्तीफों की घटना पर सवाल उठाते हुए हाईकमान से जांच करवाने की मांग की है। दबाव में इस्तीफों के सवाल पर शेखावत ने कहा है कि मैं नहीं जानता कि किसका दबाव था, लेकिन एफिडेविएट दिया है कि दबाव था तो यह जांच का विषय है और इसकी जांच होनी चाहिए। जिस तरह की बातें उठ रही हैं, वो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण हैं। मैं हाईकमान में विश्वास रखता हूं और मुझे कांग्रेस के बड़े नेताओं पर भरोसा है कि वे सब देखकर आगे कदम उठाएंगे।

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कांग्रेस विधायक और पूर्व स्पीकर दीपेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि विधायकों के इस्तीफे के प्रकरण को लेकर जो घटनाक्रम चला है, वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। जिन विधायकों ने इस्तीफे दिए थे, अब कहा जा रहा है कि मर्जी से नहीं दिए। जिस तरह का घटनाक्रम चला, उससे सबको तकलीफ हुई है। हाईकमान इसका संज्ञान लेगा, जांच की बात हो रही है। जो हुआ ऐसा, मैंने पहले कभी नहीं देखा। पिछले 50 साल से मैं भी राजनीति कर रहा हूं, ऐसा कभी नहीं देखा। कांग्रेस की यह परंपरा नहीं रही है। विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफे तो मर्जी से दिए जाते हैं। दूसरी बात इस्तीफे पर फैसला करना स्पीकर के विवेक पर निर्भर है, स्पीकर जो फैसला करे, वह फाइनल होता है। अब तक इस तरह के मामले कोर्ट में नहीं गए। कोर्ट और विधानसभा दोनों की अपनी-अपनी मर्यादा है। अपने दायरे में रहकर बात होती है। जहां तक दबाव का सवाल है, किसका दबाव था, कहा गया है कि दबाव था तो यह जांच से ही पता लग सकता है।

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बता दे कि प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने गहलोत समर्थक विधायकों के इस्तीफों पर फैसला नहीं होने पर हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने जब जवाब मांगा तो स्पीकर के जवाब से पहले ही 30 दिसंबर से लेकर 10 जनवरी के बीच 81 विधायकों ने इस्तीफे वापस ले लिए। विधायकों के इस्तीफे वापस लेने के बाद हाईकोर्ट में विधानसभा सचिव ने जवाब दिया। इस जवाब में लिखा गया कि विधायकों ने अपनी मर्जी से इस्तीफा नहीं दिया था, इसलिए इन्हें मंजूर नहीं किया। इसे दबाव में इस्तीफे देने का नरेटिव बना। विधानसभा सचिव के जवाब में यह खुलासा भी हुआ था कि 81 विधायकों में से 5 विधायकों ने इस्तीफों की फोटोकॉपी स्पीकर को दी थी। बीजेपी से निष्कासित विधायक शोभारानी कुशवाह का नाम भी इस्तीफा देने वालों में था।