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Rajasthan Election 2023: राजस्थान में आगामी विधानसभा तैयारियां शुरू, जीत के लिए गुर्जर वोटर्स को साधने में जुटी बीजेपी और कांग्रेस

 
Rajasthan Election 2023: राजस्थान में आगामी विधानसभा तैयारियां शुरू, जीत के लिए  गुर्जर वोटर्स को साधने में जुटी बीजेपी और कांग्रेस

जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान में आगामी विधानसभा के चुनाव इसी साल दिसंबर माह में माह में होने वाले है। ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस राजस्थान विधानसभा की चुनावी तैयारियों में जुट गई है। विधानसभा चुनावों में अब एक बार फिर गुर्जर वोट की अहमियत बढ़ गई है। विधानसभा चुनाव को देखते हुए दोनों पार्टियों की नजर गुर्जर समुदाय के मतदाताओं पर है। राजस्थान की 30-35 सीटों पर गुर्जर जाति का प्रभाव माना जाता है। गुर्जर समुदाय परंपरागत रूप से बीजेपी के साथ माना जाता है। कट्टर विरोधी मीणा समुदाय को कांग्रेस समर्थक माना जाता है। लेकिन साल 2018 के विधानसभा चुनाव में सचिन पायलट की वजह से गुर्जर समुदाय का रुख कांग्रेस पार्टी की तरफ हो गया था। गुर्जर समुदाय ने कांग्रेस पार्टी को वोट सचिन पायलट के मुख्यमंत्री बनाने के चलते दिया था।

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साल 2018 में गुर्जर वोटर्स के समर्थन ने राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनी। लेकिन कांग्रेस ने सचिन पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बनाया और डिप्टी सीएम का पद दिया। बाद उनको डिप्टी सीएम की कुर्सी से भी हटा दिया। इससे नाराज गुर्जर समुदाय सचिन पायलट के साथ है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी गुर्जर समुदाय के बीच वर्चस्व बढ़ाने में लगे हुए हैं। उन्होंने भगवान देवनारायण की जयंती पर सार्वजनिक अवकाश घोषित कर गुर्जर समाज को हितैषी दिखाने का प्रयास किया है। विधानसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी का फोकस भी गुर्जर समुदाय पर है। चुनावों को देखते हुए गुर्जर वोटर्स को साधने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी गुर्जर समुदाय के आराध्य भगवान देवनारायण की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंच गए। अब देखने वाली बात होगी की विधानसभा चुनाव में गुर्जर समाज का वोट किस ओर जाता है। 

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बता दें कि साल 2018 के विधानसभा चुनाव में गुर्जर समाज से 8 विधायक जीत कर सदन पहुंचे थे। 7 प्रत्याशी कांग्रेस के टिकट पर जीत कर विधानसभा पहुंचे है। एक प्रत्याशी जोगिन्दर सिंह अवाना बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर जीतकर विधानसभा का सदस्य बने है। सभी बसपा विधायकों का कांग्रेस में विलय कर लेने के बाद विधानसभा में 8 गुर्जर समाज के सदस्य हो गए। राजस्थान विधानसभा 2018 के चुनाव में बीजेपी के टिकट पर गुर्जर समाज का एक भी विधायक जीत दर्ज कर विधानसभा नहीं पहुंच पाया है।

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बीजेपी ने 9 गुर्जर समुदाय के लोगों को प्रत्याशी बनाया था। कांग्रेस ने 12 गुर्जर समाज के प्रत्याशियों को टिकिट दिया। जिसमें 7 प्रत्याशी जीत कर विधानसभा में पहुंचे है। राजस्थान के 12 जिलों में गुर्जर समाज का प्रभाव देखने को मिलता है। भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर, जयपुर, टोंक, दौसा, कोटा, भीलवाड़ा, बूंदी, अजमेर और झुंझुनू जिलों को गुर्जर बाहुल्य क्षेत्र माना जाता है। अब देखने वाली बात होगी की विधानसभा चुनाव 2023 में गुर्जर वोटर्स किसका पक्ष लेतेे है। किसके खाते में गुर्जर समाज वोट करता है।