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Rajasthan Congress Crisis: राजस्थान कांग्रेस में फिर नजर आई खींचातान, पायलट पर सीएम गहलोत ने लगाया गुमराह करने का आरोप

 
Rajasthan Congress Crisis: राजस्थान कांग्रेस में फिर नजर आई खींचातान, पायलट पर सीएम गहलोत ने लगाया गुमराह करने का आरोप

जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान विधानसभा चुनावों के पहले एक बार फिर पायलट और सीएम गहलोत में खींचातान नजर आ रहीं है। पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के अनशन पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पहली बार खुलकर अपनी राय रखी है। इस मामले पर उन्होंने कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के जरिए आलाकमान को जवाब भेजा है और पायलट पर गुमराह करने का आरोप लगाते हुए निशाना साधा है। बता दे कि पायलट का कहना था कि पिछली वसुंधरा सरकार के समय हुए 45 हजार करोड़ के खान घोटाले सहित अन्य भ्रष्टाचार की जांच सीएम अशोक गहलोत ने नहीं कराई। इसे लेकर उन्होंने 11 अप्रैल को अनशन भी किया था। इस पूरे मामले में गहलोत अब तक चुप्पी साधे रहे है। लेकिन अब उन्होंने इसका जवाब आलाकमान को भेजा है। 

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सीएम गहलोत ने अपने जवाब में कहा है कि पायलट अनशन पर क्यों बैठे, यह समझ से परे है। जिन मुद्दों की वे बात कर रहे हैं, उन सभी पर सरकार कार्रवाई कर चुकी है। या तो पायलट को जानकारी नहीं है या फिर वो जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। डेढ़ साल तक सरकार में रहते हुए कभी पायलट ने ये मुद्दे नहीं उठाए। साढ़े चार साल तक इन आरोपों पर चुप रहे। खनन आवंटन तो कांग्रेस के दबाव में भाजपा सरकार के दौरान ही रद्द कर दिए थे। तब कई लीजधारक हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट गए। कोर्ट ने 20 फरवरी 2020 को आदेश दिए कि 3 वरिष्ठ अधिकारियों की समिति बनाकर समीक्षा की जाए। इस समिति ने भी आवंटन निरस्त करने की अनुशंसा की। लोकायुक्त जांच और सिफारिश के बाद 55 अफसर-कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय कर 91 कार्रवाई की गईं है। 

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2009 में पूर्ववर्ती सरकार के कामों की जांच के लिए माथुर आयोग बनाया। हाई कोर्ट ने इसे भंग कर दिया। केस लोकायुक्त को भेजे। 2013 से 2018 के कार्यकाल के आखिरी 6 माह में लिए गए फैसलों की समीक्षा के लिए मंत्रियों की उपसमिति बनाई, जिसकी समीक्षा के बाद कई फैसले निरस्त किए। वही सचिन पायलट सोमवार को झुंझुनूं के टीबा गांव पहुंचे। यहां उन्होंने सीएम गहलोत और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे पर निशाना साधते हुए कहा कि जनता से किए वादे पूरे नहीं हुए हैं। ऐसे में चुनाव के वक्त किस मुंह से वोट मांगने जाएंगे? मैं विरोध करता हूं तो ऐसा करता हूं कि धुआं निकाल देता हूूं।