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Rajasthan Assembly Election 2023: विधानसभा चुनावों से पहले पायलट और राठौड़ आमने- सामने, भ्रष्टाचार मामले को लेकर बयानबाजी तेज

 
Rajasthan Assembly Election 2023: विधानसभा चुनावों से पहले पायलट और राठौड़ आमने- सामने, भ्रष्टाचार मामले को  लेकर बयानबाजी तेज

जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान में इस साल विधानसभा के चुनाव दिसंबर माह में आयोजित होने वाले है। इसी बीच प्रदेश में भ्रष्टाचार पर कार्रवाई मामले को लेकर पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट और नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ का आमने-सामने  नजर आएं है। विधानसभा चुनावों से कुछ महीने पहले पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और आज पायलट ने भ्रष्टाचार के मामलों पर कोई एक्शन नहीं लेने के गंभीर आरोप लगाए।  पायलट ने कहा कि पिछली वसुंधरा सरकार में उजागर हुए भ्रष्टाचार के मामलों पर हमारी सरकार की ओर से कोई एक्शन नहीं लिया गया और इस मामले में मेरी चिट्ठी का सीएम ने कोई जवाब नहीं दिया।  इधर पायलट के आरोपों पर नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा है कि पायलट को पिछली बीजेपी सरकार पर अनर्गल आरोप लगाने की बजाय अपनी सरकार के 4 साल के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार के मामलों पर बोलना चाहिए था। 

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बीजेपी नेता  प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि पूर्व उपमुख्यमंत्री ने पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार पर अनर्गल आरोप लगाए लेकिन इसके बजाय अपनी ही कांग्रेस सरकार के 4 साल 4 माह के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार के मामलों की भी निष्पक्ष जांच की मांग उठानी चाहिए थी।  उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और पूर्व उपमुख्यमंत्री बीच अब अंतर्कलह इस कदर बढ़ गई है कि पायलट को अपनी ही सरकार के खिलाफ अनशन पर बैठना पड़ रहा है। राठौड़ ने कहा कि गहलोत शासन में हर विभाग व योजना में उच्च से लेकर निम्न स्तर तक भ्रष्टाचार का तांडव है और अगर हर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के नामजद एक-एक मिनी मुख्यमंत्री के कारनामों की भी जांच कराई जाए जिससे भ्रष्टाचार की हकीकत प्रदेश की जनता को पता चल सके। 

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वहीं राठौड़ ने आगे कहा कि अडानी समूह को आरटीपीपी एक्ट की धज्जियां उड़ाते हुए सिंगल टेंडर के जरिए 1042 करोड़ रुपए से अब तक का सबसे महंगा 5.79 मिलियन टन कोयला खरीदने की मंजूरी देने के मामले में हुए भ्रष्टाचार की जांच पायलट को करनी चाहिए थी। वहीं निजी विद्युत उत्पादनकर्ताओं से महंगी बिजली खरीद घोटाला हो या जयपुर, जोधपुर व अजमेर डिस्कॉम ने 1 लाख 4 हजार कृषि कनेक्शन प्रोजेक्ट पर देने के लिए 1600 करोड़ का भ्रष्टाचार कर 6 बार निविदाओं की शर्तों में मनमाफिक बदलाव कर जो चांदी कूटी गई उसकी भी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के जनघोषणा पत्र के पेज संख्या 36 के बिन्दु संख्या 28 में किए गए। भ्रष्टाचार और जीरो टॉलरेंस’ का वादा तब धूलदर्शित हो गया है. राठौड़ ने कहा कि राजस्थान में भ्रष्टाचार की गंगा इस कदर बह रही है कि मुख्यमंत्री गहलोत ने खुद लोक निर्माण विभाग में भ्रष्टाचार को स्वीकार करते हुए कहा कि अधिकारियों और ठेकेदारों के गठजोड़ से राजस्थान की सड़कें बर्बाद हुई है।