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Rajasthan Politics News: गहलोत सरकार के खिलाफ अनशन पर उतरे पायलट, 11 अप्रैल को जयपुर में शहीद स्मारक पर देंगे धरना

 
Rajasthan Politics News: गहलोत सरकार के खिलाफ अनशन पर उतरे पायलट, 11 अप्रैल को जयपुर में शहीद स्मारक पर देंगे धरना

जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान में इस साल विधानसभा के चुनाव होने वाले और अब पायलट गु्रप और गहलोत गुट एक्टिव हो चुके है। इसी बीच राजस्थान में सचिन पायलट ने एक बार फिर अपनी ही पार्टी की सरकार पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पायलट ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई। उन्होंने कहा है  कि मैंने मुख्यमंत्री गहलोत से पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के खिलाफ शिकायत की थी, लेकिन गहलोत ने कोई एक्शन नहीं लिया।" पायलट इसके विरोध में 11 अप्रैल को जयपुर में शहीद स्मारक पर एक दिन का अनशन करेंगे।

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सचिन पायलट ने कहा है कि वसुंधरा सरकार में हुए भ्रष्टाचार पर कार्रवाई नहीं की गई। जबकि विपक्ष में रहते हुए हमने यह वादा किया था कि जांच कराई जाएगी। चुनाव को 6-7 महीने बचे हैं, विरोधी भ्रम फैला सकते हैं कि कहीं कोई मिलीभगत तो नहीं है, यह साबित करने के लिए जल्दी कार्रवाई करनी होगी। ताकि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को लगे कि हमारी कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है। पायलट ने गहलोत-वसुंधरा में गठजोड़ और मिलीभगत के सवाल खड़े करते हुए दोनों को जमकर आड़े हाथ लिया। पायलट ने कहा कि पिछली बीजेपी सरकार पर भ्रष्टाचार और घोटालों के आरोप लगाकर कांग्रेस सत्ता में आई है। पायलट बोले- गहलोत के साथ मैंने और सभी कांग्रेस नेताओं ने पिछली बीजेपी सरकार पर भ्रष्टाचार और घोटाले के आरोप लगाते हुए जनता से वादा किया था कि हमारी कांग्रेस सरकार आएगी, तो पूरी जांच करवाई जाएगी और आरोपियों को बख्शा नहीं जाएगा। लेकिन आज दुख की बात है कि करीब साढ़े 4 साल का समय कांग्रेस को सत्ता में रहते हो गया, अब तक कोई जांच नहीं करवाई गई।

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पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने जयपुर में अपने घर पर प्रेस कांफ्रेंस बुलाई थी। उन्होंने कहा है कि वसुंधरा सरकार के वक्त विपक्ष में रहते हुए हमने 45 हजार करोड़ के घाेटालों को लेकर आवाज उठाई थी और यह वादा किया था कि सरकार आएगी इन घोटालों पर निष्पक्ष तरीके से जांच करवाएंगे और दोषियों को सजा देंगे। मैंने कभी द्वेषपूर्ण कार्रवाई के लिए नहीं कहा, लेकिन विपक्ष के रूप में बनी हमारी विश्वसनीयता को बरकरार रखना होगा। मैंने सीएम गहलोत से आग्रह किया था। 28 मार्च 2022 को पहली चिट्ठी लिखी थी। उस पर कोई जवाब नहीं मिला। फिर दूसरी चिट्ठी लिखी। उसका भी जवाब नहीं आया। केंद्र सरकार पिछले कुछ समय से विपक्ष के लोगों को टारगेट कर रही है। ईडी ने जिन नेताओं नोटिस दिया या छापे डाले उनमें से 95 फीसदी नेता विपक्ष के हैं।