DOIT Scam: डीओआईटी में ब्लैक मनी के मामले में गिरफ्तार डायरेक्टर वेदप्रकाश निलंबित, एसीबी कोर्ट ने 3 दिन के रिमांड़ पर भेजा
जयपुर न्यूज डेस्क। राजधानी जयपुर में योजना भवन के डीओआईटी विभाग में मिली 2 करोड़ से ज्यादा की ब्लैक मनी के मामले में गिरफ्तार ज्वाइंट डायरेक्टर वेदप्रकाश पर बड़ी कार्रवाई देखने को मिली है।आईटी विभाग ने वेदप्रकाश यादव को निलंबित किया है। एसीबी ने यादव को गिरफ़्तार किया है। एसीएस ने आदेश जारी किए है। इससे पहले एसीबी ने कल आरोपी वेदप्रकाश यादव को कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने आरोपी वेदप्रकाश यादव को 3 दिन के रिमांड पर भेजा है। आपको बता दें कि जयपुर पुलिस ने राजस्थान में योजना भवन के तलघर में बंद अलमारी से 2.31 करोड़ रुपये नकदी और एक किलो सोना मिलने के मामले में डीओआईटी के संयुक्त निदेशक को हिरासत में लिया। पुलिस ने मामले की जांच के लिए आरोपी वेद प्रकाश यादव को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को सौंप दिया है।
जयपुर के आयुक्त आनंद श्रीवास्तव ने कहा कि लगभग 50 कर्मचारियों से पूछताछ और एक महीने से लंबी अवधि के सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद हमें आरोपी के अलमारी के अंदर एक बैग रखने की जानकारी मिली। श्रीवास्तव ने बताया कि पूछताछ के दौरान यादव ने कबूल किया है कि उन्होंने यह रकम अलग-अलग लोगों से रिश्वत के तौर पर ली थी और वह इसे घर ले जाने के बजाय कार्यालय में ही रखते थे। उन्होंने कहा कि पुलिस ने आरोपी अधिकारी के अंबाबाड़ी आवास की भी तलाशी ली है, जहां से उसे कई दस्तावेज मिले है।
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CCTV खंगालने के बाद #DOIT जॉइंट डायरेक्टर वेदप्रकाश यादव को लिया पुलिस हिरासत में कुछ देर में @AcbRajasthan को हैंड ओवर किया जाएगा। पूछताछ पर रकम खुद का होना कबूला, अलमारी को लॉकर के तौर पर काम में लेता था, कमीशन का जो पैसा मिलता उसे इसी अलमारी में रखता था #jaipur #Rajasthan pic.twitter.com/9mdcSYS41i
— Samar Gupta (@samargupt) May 21, 2023
श्रीवास्तव के मुताबिक, आरोपी यादव सूचना प्रौद्योगिकी विभाग में कई वर्षों से कार्यरत हैं। उन्हें प्रोग्रामर के रूप में भर्ती किया गया था और वह 20 वर्षों तक विभाग के स्टोर इंचार्ज के रूप में बने रहे। वर्ष 2019-20 में उन्हें इस विभाग में संयुक्त निदेशक बनाया गया। पुलिस ने बताया कि यादव सीसीटीवी कैमरे, कंप्यूटर और एलईडी मुहैया कराने वाली कंपनियों के संपर्क में थे, जो अपने उत्पादों को बेचने के लिए अधिकारियों को रिश्वत देती थीं। एसीबी ने वेद प्रकाश यादव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि एसीबी जांच में विभिन्न कंपनियों के प्रतिनिधियों को भी आरोपी बनाएगी, क्योंकि रिश्वत देना भी अपराध है। उल्लेखनीय है कि शुक्रवार रात को योजना भवन के तलघर में एक अलमारी में रखे सूटकेस से 2000 और 500 रुपये के नोट मिले थे। नोटों की गिनती करने पर कुल रकम 2.31 करोड़ रुपये पाई गई थी। इसके साथ ही अलमारी में एक किलोग्राम सोना भी पाया गया था।