Rajasthan Politics: प्रदेश के ब्यूरोक्रेट्स पर मंत्री रमेश मीणा को आया गुस्सा, फोन पर बात करने पर कलेक्टर को सभा से किया बाहर
जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले प्रदेश में चल रहे सियासी खीचातान के बीच सरकार और प्रशासन के बीच भी अब मतभेद खुल कर सामने आने लगा है। गहलोत सरकार के मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने ब्यूरोक्रेट्स को लेकर उठाए सवाल के बाद मंत्री परसादी लाल मीणा ने बैठक में लेट पहुंचे डीएम को बाहर का रास्ता दिखा दिया था। इसके बाद अब गहलोत सरकार के मंत्री रमेश मीणा ने कलेक्टर को भरी सभा में खरीखोटी सुनाकर इस मामले को फिर हवा दी है। ताजा मामला पंचायती राज मंत्री रमेश मीणा का सामने आया है, जिसमें मंत्री जी गुस्से से इतने लाल हो गए कि वह मंच से ही कलेक्टर को खरीखोटी सुना डाली है। इतना ही नहीं अपनी आंखों से ओझल होने की नसीहत भी दी है।
दरअसल, बीकानेर के रविंद्र रंग मंच में राजीविका की महिलाओं के साथ समूह संवाद का कार्यक्रम चल रहा था, इसी दौरान मंत्री रमेश मीणा कार्यक्रम के दौरान अचानक बेहद गुस्सा हो गए और डीएम के बहाने प्रदेश के ब्यूरोक्रेट्स पर मंत्री जी भड़क गए और मंच पर बैठे जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल पर बरस पड़े है। सभा में कलेक्टर का फ़ोन पर बात करना मंत्री जी को इतना बेहद नागवार गुजरा और कार्यक्रम में कलेक्टर की तरफ देख कर मंत्री रमेश मीणा ने कहा कि सरकार का निर्देश है मुख्यमंत्री का.. आप हमारी बात क्यों नहीं सुन रहे है। क्या प्रदेश में ब्यूरोक़ेट्स इतने हावी है क्या कि ज़ो बात को सुन नहीं रहे है। इसके बाद बीच कार्यक्रम छोड़ कलेक्टर भगवती प्रसाद वहां से निकल गए। हालाँकि राजस्थान में बेहतरीन कार्यप्रणाली को लेकर डीएम भगवती प्रसाद कलाल की अलग छवि है।
बता दे मंत्रियों और नेताओं का कहना है कि ब्यूरोक्रेसी हमेशा सरकार पर हावी रहती है। इसके चलते ही हाल ही में राजस्थान सरकार के कुछ मंत्रियों ने अफसरों की एसीआर भरने का हक भी मांगा था, लेकिन सरकार ने इस और ध्यान नहीं दिया। वही कार्यक्रम बाद में मंत्री रमेश मीणा ने कहा कि कलेक्टर के कामकाज की समीक्षा तो मीटिंग में होगी। हम अच्छा या बुरा तो नहीं जानते, लेकिन कैसा काम किया, ये मीटिंग में पता चलेगा। मैं पहली बार इन कलेक्टर से मिला हूं। अभी तो फोन का इश्यू था, जिस पर उनको कहना पड़ा है।