Rajasthan Politics: गांधी परिवार को लेकर सीएम गहलोत का बड़ा बयान, कहा- 19 के बाद भी मेरे रिश्ते वो ही रहेंगे जो 50 साल से रहे
जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान चल रहे सियासी उठा पटक के बीच एक बार फिर सीएम गहलोत का गांधी परिवार को लेकर बड़ा बयान सामने आया है। सीएम गहलोत के गांधी परिवार से रिश्तों को लेकर चल रही चर्चाओं पर पहली बार बड़ा बयान दिया. प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में अध्यक्ष चुनाव में वोट देने पहुंचे गहलोत ने कहा कि मेरे गांधी परिवार के रिश्ते तर्क से परे हैं। एक बार विनोबा भावे ने कहा था कि मेरे और गीता माता के संबंध तर्क से परे हैं । उसी तरह मेरे और गांधी परिवार का रिश्ता तर्क से परे है। सीएम गहलोत ने कहा गांधी परिवार से वो रिश्ता पहले भी था है और रहेगा।
मेरे और गांधी परिवार के रिश्ते जो हैं,जैसे विनोबा भावे ने कहा था एक बार कि मेरे और गीता माता के संबंध तर्क से परे हैं, तो मेरे-गांधी परिवार के रिश्ते जो हैं वो विनोबा भावे और गीता माता की जो बात थी कि तर्क से परे रिश्ते हैं, वो रिश्ता मेरा-गांधी परिवार का है, था और जिंदगीभर रहेगा pic.twitter.com/GMWcjsz2Rt
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) October 17, 2022
राजस्थान सीएम बदलाव पर आगे क्या होगा के सवाल पर गहलोत ने बोले आप लोग मेरी चिंता करते हो, आगे क्या होगा? गांधी परिवार से मेरे रिश्ते कैसे रहेंगे, इस पर मैंने आपको जवाब दे दिया। 19 के बाद भी मेरे रिश्ते वो ही रहेंगे जो 50 साल से रहे है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा मैंने मल्लिकार्जुन खड़गे के पक्ष में वोट की अपील इसलिए की थी क्योंकि मैं उनका प्रस्तावक बना था प्रस्तावक मत देने की अपील कर सकता है इसमें किसी भी प्रकार के नियमों का उल्लंघन नहीं था।
Conversation with media at PCC https://t.co/dgP057QAd7
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) October 17, 2022
इसके अलावा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बड़ा सियासी बयान देते हुए कहा कि बिना रगड़ाई के पद मिल गए, वे लोग फितूर कर रहे हैं। अनुभव का कोई विकल्प नहीं होता है। जितनी जल्दबाजी करेंगे, ऐसे ही ठोकरें खाएंगे। उन्होंने कहा कि जो लोग पार्टी छोड़कर गए हैं वो अवसर वादी लोग हैं। उनको कम उम्र में केंद्रीय मंत्री बनने का चांस मिल गया। इससे आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि उनको रगड़ाई होने के बाद मौका मिलना चाहिए था लेकिन पहले ही मौका मिल गया है। ऐसे में वो अब फितूर कर रहे हैं और पार्टी छोड़-छोड़ कर जा रहे हैं। चाहे वो ज्योतिरादित्य सिंधिया हो, चाहे वो जितिन प्रसाद हो, चाहे आरपीएन सिंह हो। इस सब को कम उम्र में मौका मिल गया। इनको सीधा राज्यमंत्री बनाया गया अच्छे पोर्टफोलियो के साथ। उसके बाद पार्टी के छोड़कर चले जाए. इससे बड़ा अवसरवादी क्या हो सकता है।