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Rajasthan Holi 2022: राजस्थान में होली दहन की शुरू हुई तैयारियां, इस बार इस शुभ मुहुर्त में किया जायेंगा होलिका दहन

 
Rajasthan Holi 2022: राजस्थान में होली दहन की शुरू हुई तैयारियां, इस बार इस शुभ मुहुर्त में किया जायेंगा होलिका दहन

जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान सहित पूरे देश में होली की तैयारियां चल रहीं है। होली हिन्दुओं का सामाजिक त्यौहार होते हुए भी राष्ट्रीय त्यौहार बन गया है। इसमें ना तो कोई वर्ण भेद है और नहीं  कोई जाति भेद है। इसको सभी वर्ग के लोग बड़े उत्साह से मनाते है। होली के त्योहार पर आपसी वैमनस्य को भूलकर लोग आपस में गले मिलते हैं और गुलाल, चन्दन के साथ रंगों से खेलते है। यह राष्ट्रीय पर्व फाल्गुंन मास की शुक्ला पूण्रिमा को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। राजस्थान में होली कई रूपों में खेली जाती है। विभिन्न संभाग और अंचलों में होली की विविध परंपराएं हैं. यहां ब्रज की प्रसिद्ध लठमार होली भी है तो आदिवासियों की पत्थरमार और कंकड़मार होली भी होली प्रसिद्ध है। एक ओर भीनी खुश्बू से सराबोर फूलों की होली है तो हंसी-ठिठोली वाली कोड़ामार होली भी है। रंगों का पर्व सारे राजस्थान में धूमधाम से मनाया जाता है।

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राजस्थान के बरसाने की लठमार होली विश्वप्रसिद्ध है। इसके अलावा राजस्थान में होली की परंपराएं और रीति-रिवाज क्षेत्र के हिसाब से नए रंग-रूप में आ जाते हैं। मरुधरा में हर जगह होली का अलग ही रंग चढ़ता है। हर जगह के अलग तरीके और रिवाज हैं। मथुरा से लगे होने और ब्रज प्रदेश में आने के कारण भरतपुर और उसके बाद करौली में नंदगांव और बरसाना की तरह लोग लठमार होली का लुत्फ उठाते हैं। लठामार होली को राधा-कृष्ण के प्रेम से जोड़कर देखा जाता है। पुरुष महिलाओं पर रंग बरसाते हैं तो राधा रूपी महिलाएं उन पर लाठियों से वार करती हैं. उनसे बचते हुए पुरुषों को महिलाओं पर रंग डालना होता है। इसके अलावा छोटी काशी यानि राजधानी जयपुर में जयपुर के आदिदेव गोविंद देवजी के मंदिर में होली का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है। यहां ब्रज की तर्ज पर फूलों की लाल और पीली पंखुड़ियों के साथ होली खेली जाती है। यहां संगीत और नृत्य का मनभावन संगम होता है।

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राजस्थान के कुछ क्षेत्रों में आदिवासी भी होली के त्योहार को अपने ही अंदाज में मनाते हैं। खासकर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, बाड़मेर, बारां आदि में आदिवासी पत्थरमार होली खेलते हैं। पंजाब से सटे श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ में कोड़ामार होली की परंपरा है। डोलची होली की बीकानेर में और गोटा गैर की भीनमाल, सिरोही आदि में परंपरा है. गोटा गैर होली में पुरुष मंडली समूह में हाथों में डंडे लेकर नृत्य करते हैं। राजस्थान में शेखावाटी की होली का अलग ही रंग है। पुरुष चंग को अपने एक हाथ से थामकर और दूसरे हाथ की थपकियों से बजाते हुए वृत्ताकार घेरे में सामूहिक नृत्य करते हैं। इस साल होलिका दहन कल यानि गुरुवार, 17 मार्च 2022 को किया जाएगा। होलिका दहन की पूजा का शुभ मुहूर्त 9 बजकर 20 मिनट से 10 बजकर 31 मिनट तक रहेगा। इसके बाद अगले दिन धुलंड़ी पर्व की प्रदेश में धूम रहेंगी।