Rajasthan Breaking News: गर्मी में प्रदेश में बढ़ता आग का तांड़व, प्रशासन के पास बना हुआ है पर्याप्त दमकलों का अभाव
जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान की इस वक्त की बड़ी खबर में आपको बता दें कि प्रदेश में गर्मी की शुरूआत होती ही आग का तांड़व भी बढ़ता हुआ दिखाई दिया है। इस वक्त कई जिलों से किसानों की फसलों में आग लगने की खबर सामने आ रहीं है। लेकिन प्रशासन के पास पर्याप्त दमकलों के अभाव बना हुआ है। जिससे कि आग का तांडव दिखाई दिया है। हाल ही में दौसा जिले में आग लगने से एक किसान की फसल खाक हो गई है। इससे किसान की 4 माह की मेहनत पर पानी फिर गया और उसे लाखों रूपयों का नुकसान भी उठाना पड़ा है।
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किसान और उसके परिवार की जिंदगी के दो पहलू हैं। आज हम उसी किसान और उसके गांव की एक ओर परेशानी बताने जा रहे हैं। ग्रामीण अंचलों में आग लगने पर या तो ग्रामीण खुद जद्दोजहद करते नजर आते हैं या शहरी क्षेत्र की दमकलें ग्रामीण अंचलों में आग बुझाने के लिये दौड़ती नजर आती है। आग को काबू पाने के लिए ग्राम पंचायतों के पास कोई पर्याप्त संसाधन उपलब्ध नहीं होने से ग्रामीणों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।खेत खलिहानों में जब आग की लहक उठने लगती तो यह लहक खेतों के अलावा घरों को भी अपना निशाना बनाती है। सैकड़ों गृहस्थी और हजारों एकड़ पर लहलहाती फसलें आगजनी का शिकार बनती है। राजस्थान में 9 हजार 821 ग्राम पंचायतों में से सिर्फ 76 गांवों में अग्निशमन वाहन की व्यवस्था है। कई सालों से आग में गांव झुलसते रहे तो सरकार को इसकी तपन तक महसूस नहीं हुई है।
गांवों में पिछले पांच सालों में किसी ना किसी कारणवश भड़की इस अग्नि ने करीब 200 से अधिक लोगों को भी मौत के घाट उतार दिया तो गांव वासियों के करोड़ों रुपए और उनके संगी पशु इस आग में जलकर स्वाहा हो गए। पिछले पांच वर्षों में प्रदेश के गांवों में लगी आग के कारण 38 करोड़ 25 लाख 99 हजार रुपए का नुकसान हुआ है। राज्य के 9821 गांवों में से केवल 76 गांवों में अग्निशमन वाहन की व्यवस्था है। गांवों में लगी आग के कारण प्रदेश के कई जिलों में लोग काल का ग्रास बने हैं। इन जिलों में करीब दो हजार से अधिक मवेशियों की मौत हुई है, तो 10 हजार से अधिक झोंपड़े सहित घरेलू सामान स्वाहा हुआ है।