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Rajasthan Breaking News: शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला से मिला वरिष्ठ अध्यापकों का दल, आश्वासन के बाद आंदोलन खत्म करने की घोषणा

 
Rajasthan Breaking News: शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला से मिला वरिष्ठ अध्यापकों का दल, आश्वासन के बाद आंदोलन खत्म करने की घोषणा

जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान की इस वक्त की बड़ी खबर में आपको बता दें कि शिक्षा मंत्री के आश्वासन के बाद प्रदेश के वरिष्ठ अध्यापक आज अपना आंदोलन खत्म करने की घोषणा की है। बीते 13 दिनों से वरिष्ठ अध्यापक शिक्षा संकुल में आंदोलन कर रहे थे, तो वहीं पिछले तीन दिनों से क्रमिक भूख हड़ताल भी जारी थी। आज शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला के साथ वरिष्ठ शिक्षकों के दल की वार्ता सकारात्मक रही है। शिक्षा मंत्री ने शिक्षकों को सेवा नियमों को लेकर सकारात्मक आश्वासन दिया है।

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शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने वरिष्ठ शिक्षकों के दल को आश्वासन दिया है कि इस मामले को कैबिनेट की बैठक में भी रखा जायेंगा। शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षकों की मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार किया जा रहा है। फिलहाल डीपीसी पर रोक लगा दी गई है। वहीं शिक्षामंत्री के आश्वासन के बाद शिक्षकों ने आंदोलन खत्म करने की घोषणा कर दी है। 

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आपको बता दें कि राजस्थान शैक्षिक सेवा नियम 2021 को लेकर शिक्षक बीते 13 दिन से आंदोलन कर रहें ​थे। आज वरिष्ठ शिक्षक का दल शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला के आवास पर जा पहुंचा। हालांकि यहां पहले पुलिस ने इन्हें मुख्य द्वार से ही खदेड़ दिया था। बाद में शिक्षा मंत्री की अनुमति पर शिक्षकों को आवास पर बुलाकर वार्ता की गई। इस दौरान सेवारत शिक्षकों ने अपने आंदोलन की जानकारी देते हुए शिक्षा मंत्री से लिखित में आश्वासन देने की मांग की है। शिक्षकों ने बताया कि 3 अगस्त 2021 से पहले के जिन शिक्षकों के यूजी और पीजी में समान विषय नहीं है, उन्हें भी पदोन्नति में सम्मिलित किया जाए। शिक्षकों की मांग पर शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि शिक्षक आरपीएससी की तर्ज पर ही पदोन्नति की व्यवस्था चाहते हैं। जिस पर विभाग सहानुभूति पूर्ण विचार कर रहा है। फिलहाल डीपीसी को रोक दिया गया है।

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राजस्थान सरकार ने नए नियमों को लागू करते हुए स्कूल प्राध्यापक के पदों पर होने वाली भर्ती में 50 फीसदी पदों पर भर्ती प्रक्रिया और 50 फीसदी पदों पर पदोन्नति की प्रक्रिया को अपनाने का फैसला लिया है। भर्ती प्रक्रिया में सरकार की ओर से कंपैटबल विषय में स्नातकोत्तर डिग्री रखी गई है। जबकि पहले से कार्यरत शिक्षकों की पदोन्नति में यूजी और पीजी एक ही विषय से होने की बाध्यता रखी है। माना जा रहा है इस नए नियम का प्रदेश के करीब एक लाख से ज्यादा शिक्षकों पर असर पड़ेगा। इनमें से अधिकतर शिक्षक वो हैं जिन्होंने यूजी गणित, विज्ञान या वाणिज्य से ही है, जबकि पीजी कला विषय से की है।