Rajasthan Breaking News: पंचायती राज विभाग के कैबिनेट मंत्री रमेश मीणा के खिलाफ उतरे मंत्री राजेंद्र गुढ़ा, सरपंचों की मांगों का किया समर्थन
जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान की बड़ी खबर में आपको बता दें कि आज राजधानी जयपुर में पंचायती राज मंत्री रमेश मीणा के इस्तीफे की मांग को लेकर सरपंच संघ ने महापड़ाव शुरू कर दिया है। वहीं दूसरी तरफ पंचायती राज विभाग के कैबिनेट मंत्री रमेश मीणा के खिलाफ इसी विभाग के राज्यमंत्री राजेंद्र गुढ़ा के बंगले पर सरपंच चुनाव ने नारेबाजी करते हुए धरना प्रदर्शन किया। मंत्री गुढा के गृह जिले झुंझुनू से आए इन सरपंचों ने रमेश मीणा की बर्खास्तगी की मांग की , तो मंत्री राजेंद्र गुड्डा भी सरपंचों के साथ खड़े नजर आए और अपने ही विभाग के मंत्री को कटघरे में खड़ा कर दिया।

बता दे की नागौर और बाड़मेर जिलों के सरपंचों पर 300 करोड़ रुपए के घोटाले के आरोपों के खिलाफ सरपंच संघ लामबंद हो गया है। झुंझुनूं सरपंच संघ के अध्यक्ष संजय नेहरा ने कहा कि मंत्री रमेश मीणा ने सरकारी एजेंसियों के बजाय जांच का ठेका एक निजी एनजीओ को दे दिया है। सरपंचों ने 33 सूत्रीय मांग पत्र भी सरकार को सौंपा है। वहीं जयपुर में आज 5 अगस्त से सरपंचों का महापड़ाव शुरू हो गया है। सरपंच संघ राजस्थान के बैनर तले प्रदेश के दो हजार से ज्यादा सरपंच, उपसरपंच और वार्ड पंच महापड़ाव में शामिल होंगे। नेहरा ने कहा कि बिना किसी जांच के मंत्रीजी की ओर से सरपंचों पर घोटाले के आरोप लगा दिए गए। बिना जांच किए इस तरह का लांछन लगाना लोकतंत्र की तौहीन है। अभी तक की किसी भी जांच में कोई अनियमितता नहीं पाई गई है। इसके बावजूद बेबुनियाद आरोप लगा दिया गया।

सरपंचों ने करीब एक घंटे तक मंत्री राजेंद्र गुढ़ा के बंगले पर सड़क पर ही बैठ कर नारेबाजी की है। बाद में मंत्री गुढ़ा इन से मिलने आए और सभी मांगों को ध्यान से सुना। सरपंचों की मांगों को देखकर गुढ़ा ने अपने ही कैबिनेट मंत्री रमेश मीणा को कटघरे में खड़ा कर दिया। राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि सरपंचों पर मंत्री द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को पूरी तरह खारिज करता हूं क्योंकि सरपंच तो लोकतंत्र की पहली सीढ़ होती है और यह लोग अपने जेब से पैसा खर्च करके जन सेवा करते हैं। कोरोना में जब मंत्री और विधायक घरों में बने थे तब सरपंच ही काम कर रहे थे।
