Rajasthan Breaking News: प्रदेश के सैंकड़ों बेरोजगारों को फिर से नौकरी की चिंता, विद्या संबल संविदा शिक्षक भर्ती को स्थगित करने के आदेश जारी
जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान की बड़ी खबर में आपको बता दें कि प्रदेश के सैंकड़ो बेरोजगारों को फिर से नौकरी की चिंता सताने लगी है। इसका कारण प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने साथ ही राजस्थान को शिक्षा के क्षेत्र में दूसरे पायदान से पहले पायदान पर लाने के उद्देश्य से सरकार की ओर से शुरू की गई विद्या संबल योजना पर ब्रेक लगना है। शिक्षा विभाग की ओर से आगामी आदेशों तक विद्या संबल संविदा शिक्षक भर्ती को स्थगित करने के आदेश जारी कर दिए हैं।
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बता दे कि प्रदेश की सरकारी स्कूलों में खाली करीब 93 हजार पदों को भरने के लिए सरकार की ओर से गेस्ट फैकल्टी के रूप में शिक्षकों की भर्ती करवाने का फैसला लिया गया था। साथ ही इस भर्ती को नाम दिया गया विद्या संबल योजना जिस पर संविदा पर योग्य शिक्षकों को लगाने की कवायद शुरू की गई। संविदा शिक्षक भर्ती के लिए 2 नवम्बर से 7 नवम्बर तक जहां आवेदन प्रक्रिया चली, तो वहीं 11 नवम्बर को स्थाई वरीयता सूची भी जारी की गई। इसके साथ ही 12 नवम्बर से 14 नम्बर तक आपत्तियों का समय भी तय किया गया। इसके साथ ही सभी कार्रवाई पूरी करते हुए 19 नवम्बर तक गेस्ट फैकल्टी के रूप में शिक्षकों को लगाने की रूपरेखा भी विभाग की ओर से तैयार की जा चुकी थी। लेकिन आपत्तियों से पहले ही शिक्षा विभाग की ओर से विद्या संबल संविदा शिक्षक भर्ती को आगामी आदेशों तक शिक्षा विभाग की ओर से स्थगित कर दिया गया है।
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संविदा,गेस्ट फैकल्टी पर भर्तियां करने का विरोध हम पहले दिन से कर रहे हैं,
— Upen Yadav (@TheUpenYadav) November 14, 2022
11 नवंबर को शिक्षामंत्री जी को ज्ञापन देकर विद्या संबल योजना का विरोध जताकर नियमित तौर पर भर्ती निकलवाने की गुहार की थी,
और फिर @RajGovOfficialसे अपील करता हूं कि संविदा पर नहीं,स्थाई तौर पर भर्तियां निकाले pic.twitter.com/jkFj6yoL28
विद्या संबल योजना को स्थगित करने के बाद राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ अध्यक्ष उपेन यादव ने कहा कि प्रदेश में बेरोजगारों को संविदा पर भर्ती नहीं चाहिए। अगर भर्ती ही निकालनी है तो नियमित निकाली जाए। जब सरकार ने संविदा पर शिक्षक लगाने का फैसला लिया था तो उसका विरोध हमने किया था। साथ ही नियमित रूप से भर्ती की मांग की थी। 11 नवम्बर को इस मांग को लेकर शिक्षा मंत्री को ज्ञापन भी सौंपा था। अब इस भर्ती को स्थगित कर दिया गया है। ऐसे में सरकारी स्कूलों में अगर पद ज्यादा खाली है तो जो शिक्षक भर्ती होने जा रही है,उसमें पदों की संख्या बढाते हुए रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएं।