Rajasthan Breaking News: ग्रेटर निगम कर्मचारी कमिश्नर के निंदा प्रस्ताव के विरोध में किया प्रदर्शन, आज की बोर्ड बैठक भी हुई रद्द
जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान की इस वक्त की बड़ी खबर में आपको बता दें कि आज ग्रेटर निगम कर्मचारी निगम कमिश्नर यज्ञमित्र सिंह देव के खिलाफ बोर्ड बैठक में लाए गए निंदा प्रस्ताव के विरोध में आज धरना प्रदर्शन किया है। वहीं, आज सुबह 11 बजे होने वाली बोर्ड की बैठक भी रद्द कर दी गई है। कल करीब 14 माह बाद हुई नगर निगम ग्रेटर की साधारण सभा की बैठक में सदन की कार्रवाई के दौरान जमकर हंगमा हुआ। इस बैठक में पहली बार सदन में किसी अधिकारी के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाया गया। जिसे लेकर आपस में कांग्रेस और भाजपा पार्षद उलझते हुए नजर आए नौबत हाथापाई तक पहुंच गई।
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कल साधारण सभा की बैठक में मेयर सौम्या गुर्जर की अध्यक्षता में हुई बैठक में डोर टू डोर कचरा संग्रहण और अस्थाई बीट्स लगाने का प्रस्ताव पारित होने के बाद कहानी में अचानक नया मोड आ गया। नगर निगम जयपुर ग्रेटर में ब्यूरोक्रेसी और जनप्रतिनिधियों के बीच टकराव देखने को मिला है। चेयरमैन जितेन्द्र श्रीमाली ने आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव के खिलाफ निंदा प्रस्ताव सदन में रख दिया। पहली बार किसी अधिकारी के खिलाफ साधारण सभा में निंदा प्रस्ताव लाया गया तो इसके जवाब में आयुक्त ने इस प्रस्ताव पर विरोध किया और उन्होंने सभी कर्मचारियों-अधिकारियों को सदन से बाहर चलने का इशारा किया।आयुक्त के इशारे के बाद सदन में बैठे सभी अधिकारी-कर्मचारी अपनी-अपनी सीट से खड़े हो गए और 2 मिनट बाद ही आयुक्त के साथ ये सभी सदन से वॉकआउट करके चले गए। इसके बाद सर्वसम्मति से कांग्रेस और भाजपा के 100 पार्षदों ने इस प्रस्ताव पर मुहर लगाई। हालांकि विधि विशेषज्ञों का कहना है कि निंदा प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता है। इसका एक्ट में कोई प्रावधान नहीं है।
वहीं, निगम आयुक्त यज्ञमित्र देव के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाए जाने के विरोध में आज निगम कर्मचारियों ने पेन डाउन कर विरोध प्रदर्शन किया है। इस प्रदर्शन के चलते आज सुबह 11 बजे दोबारा होने वाली बोर्ड बैठक को रद्द कर दिया गया है। निंदा प्रस्ताव के विरोध कर रहें कर्मचारियों का कहना है कि अधिकारी के विरोध निंदा प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता है। केवल एसीबी इसकी जांच कर सकती है और प्रशासनिक अधिकारी ही उनको निर्देशित कर सकते है। इस प्रकार साधारण सभा में निंदा प्रस्ताव पेश करना अनुचित है।