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Rajasthan Breaking News: केंद्रीय गृह मंत्रालय का बड़ा फैसला, राजस्थान सहित देशभर में पीएफआई संगठन पर 5 साल के प्रतिबंध की घोषणा

 
Rajasthan Breaking News: केंद्रीय गृह मंत्रालय का बड़ा फैसला, राजस्थान सहित देशभर में पीएफआई संगठन पर 5 साल के प्रतिबंध की घोषणा

जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान की इस वक्त की बड़ी खबर में आपको बता दें कि केंद्रीय गृहमंत्रालय ने अहम फैसला लिया है। इस फैसले के चलते राजस्थान सहित 15 से ज्यादा राज्यों में फैले पीएफआई के कार्यालयों पर 5 साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी एक अधिसूचना के अनुसार, केंद्र सरकार का मानना है कि पीएफआई और उसके सहयोगी ऐसी विनाशकारी कृत्यों में शामिल रहे हैं, जिससे जन व्यवस्था प्रभावित हुई है, देश के संवैधानिक ढांचे को कमजोर किया जा रहा है और आतंक-आधारित शासन को प्रोत्साहित किया जा रहा है तथा उसे लागू करने की कोशिश की जा रही है। 

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केंद्र सरकार ने आखिर देश भर के 15 से भी ज्यादा राज्यों में फैले संगठन पीएफआई यानि पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया संगठन पर बैन लगाया दिया है। यह बैन आने वाले पांच साल तक के लिए जारी किया गया है। देर रात इसे लेकर नोटिफिकेशन जारी किया गया है और उसके बाद सभी राज्यों को इस बैन के बाद होने वाली संभावित नेगेटिव मूवमेंट पर नजर रखने को कहा गया है। गौरतलब है कि पिछले छह दिन से देश के 15 से भी ज्यादा राज्यों में छापे मारकर संगठन के करीब दो सौ पचास से भी ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

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इसमें राजस्थान के भी कई संदिग्ध शामिल हैं। राजस्थान में भी संगठन पर पांच साल तक के लिए बैन लगा दिया गया है और साथ ही पीएफआई की साइट और अन्य सोशल मीडिया अकाउंट भी सस्पैंड किए जा रहे हैं। केंद्र सरकार की जांच एजेंसियों का कहना है कि पीएफआई आंतकी गतिविधियों से ताल्लुक रखती है और कई बड़े आतंकी गतिविधियों में उनका नाम आया हैं। टेरर फंडिग और अन्य नेगेटिव मूवमेंट से भी संगठन जुड़ा हुआ है। देश भर में पीएफआई पर छापे छह दिन से लगातार जारी हैं।

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राजस्थान में कई शहरों में फैला संगठन, साल भर में तीन बड़ी घटनाओं में नाम आया-

पीएफआई संगठन के लिए काम करने वाले सैंकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता राजस्थान के कई शहरों में है। जयपुर के एमडी रोड पर प्रदेश स्तरीय कार्यालय बनाया गया है और इसके अलावा अजमेर, उदयपुर, कोटा, बांरा समेत दस से भी ज्यादा शहरों में छोटे कार्यालय बनाए गए हैं। इन कार्यालयों पर पांच से छह दिन पहले एनआईए और ईडी की टीमें छापे मार चुकी हैं और कई संदिग्धों को उठाया गया है। बताया जा रहा है कि इस साल करौली, जोधपुर और फिर उदयपुर में हुए साम्प्रदायिक बवाल के बाद जांच एजेंसियों के सामने पीएफआई संगठन की भी संदिग्ध भूमिका सामने आ चुकी है।