Chittorgarh में किसानों की लापरवाही से बांध की नहर का पानी बंदा लगाकर रोकने से नहर हुई ओवरफ्लो, सरसों-गेहूं-चने के खेत से पानी निकालने में जुटे
चित्तौरगढ़ न्यूज़ डेस्क,रबी फसल की सिंचाई के लिए 15 दिन पहले बेगुन क्षेत्र के दोरई बांध की नहर चालू की गई थी। कुछ किसानों की लापरवाही के कारण बांध की नहर का पानी रोके जाने से बेगूं की ओर आ रही माइनर ओवरफ्लो हो गई। इस कारण 3 दिन से नहर से बेवजह सिंचाई का पानी बह रहा है। जिस पर किसी का ध्यान नहीं गया। नहर ओवरफ्लो हो गई और खेतों में पानी भर गया। खेत नदियाँ बन गए। किसान खेतों से पानी निकालने में लगे हैं।
बताया गया कि बेगुन छोटी नाहर माइनर दोरई बांध की नहर से गांव पड़ावास की तरह निकल रही है. कुछ किसानों ने आवश्यकता से अधिक पानी निकालने के लिए नहर का पानी बंद कर दिया। जब बांध को वापस नहीं खोला गया तो मामूली अतिप्रवाह हुआ और अन्य किसानों के खेतों में नहर का पानी भर गया। पवन धाकड़, श्यामलाल धाकड़, अय्यूब, राधेश्याम भट्ट आदि किसानों के खेत नदी के करीब 100 बीघा हो गए हैं। गुरुवार को किसान पाइप व मोटर लगाकर खेतों से पानी निकालने में लगे थे।
बांध की नहरों से फसलों की सिंचाई के लिए छोड़े गए पानी पर नियंत्रण नहीं होने के कारण नहर का पानी कुछ किसानों के लिए आफत बन गया। खेतों में पानी भरने से गेहूं, सरसों व चने की फसल गलने की कगार पर है।
जल संसाधन विभाग के एईएन कन्हैयालाल धाकड़ ने बताया कि दोरई, राजगढ़, कालादेह, भंवर पिपला, बुजदा के 5 बांधों पर सिर्फ 1 बेलदार है. बेलदार के 4 पद खाली हैं। अकेले बेलदार के कारण नहरी पानी की मॉनिटरिंग नहीं हो पाती थी। उन्होंने बताया कि किसानों के खेतों में नहर का पानी भरे जाने की सूचना पर कर्मचारी को मौके पर भेजा गया है.