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Rajasthan Politics: सीएम गहलोत के बयान से गरमाई प्रदेश की राजनीति, बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने पलटवार कर कही यह बड़ी बात

 
Rajasthan Politics: सीएम गहलोत के बयान से गरमाई प्रदेश की राजनीति, बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने पलटवार कर कही यह बड़ी बात

जयपुर न्यूज डेस्क। भारत जोड़ो यात्रा के आगमन से पहले राजस्थान में सियासी भूचाल मचा हुआ है। प्रदेश के मुखिया अशोक गहलोत के अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट को गद्दार कहने के बाद राजनीतिक बयानों की बाढ़ आ गई है। अब इस मामले में बीजेपी भी शामिल हो गई है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने पलटवार कर कहा है कि हमने किसी को पीले चावल नहीं दिए थे कि आइए और सरकार गिराइए। सतीश पूनिया ने यह बड़ी बात सीएम गहलोत के उस बयान के बाद के कही है, जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में सचिन पायलट को गद्दार कह दिया। उन्होंने कहा कि पायलट सीएम कैसे बन सकते हैं? उनके पास तो दस विधायकों तक का समर्थन नहीं है। उन्हें कोई स्वीकार नहीं करने वाला। सीएम गहलोत ने कहा कि पायलट गद्दारी कर चुके हैं। इसे मैंने और हमारे विधायकों ने भुगता है। हमें 34 दिन होटलों में रहना पड़ा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और धर्मेंद्र प्रधान भी इसमें शामिल थे। 

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सीएम गहलोत ने चैनल से बातचीत करते हुए कहा था कि 2020 के विद्रोह को बीजेपी ने फंड किया था। भारत में पहली बार एक पार्टी के अध्यक्ष ने ही अपनी सरकार गिराने की कोशिश की है। इसे अमित शाह समेत भाजपा के नेताओं ने समर्थन दिया था। साथ ही भाजपा पर 10 करोड़ रुपये देने की बात कही थी। इसी बयान से नाराज होकर बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने पलटवार किया है। सतीश पूनिया ने कहा कि हम कभी मिले नहीं हैं। ना पहले, ना अभी और न बाद में। 2018 में चुनाव के बाद जब भाजपा कहीं दृश्य में भी नहीं थी तब राजभवन में मुख्यमंत्री की शपथ के बाद दो-दो मुख्यमंत्री के नारे लगे, ऐसा कभी नहीं होता कि किसी पार्टी को पूरा अपने प्रदेश अध्यक्ष को निष्कासित करना पड़ जाए। पूनिया ने कहा कि यह उनका अपना झगड़ा था, उनकी लड़ाई थी परंतु बीजेपी को तो गहलोत ने अपने बचाव के लिए कारक बना लिया है। मुख्यमंत्री गहलोत की आदत है आरोप लगाने की। यह एक कमजोर डिफेंस है। पूनिया ने कहा है कि चार साल में वो यह स्थापित नहीं कर पाए कि गद्दार कौन था, यह कांग्रेस आलाकमान को देखना है कि गद्दार कौन है? कांग्रेस ने कुर्सी बचाने के लिए जाने क्या-क्या कुकर्म का सहारा लिया होगा। 

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वहीँ, दूसरी तरफ राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गद्दार कहे जाने पर पलटवार करते हुए कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि इस तरह के अनुभवी व्यक्ति को ऐसे शब्द शोभा नहीं देते है। इस समय प्राथमिकता भाजपा को हराने के लिए एकजुट होने की और राहुल गांधी के हाथ को मजबूत करने की है। आज राहुल गांधी देशभर में पार्टी को मजबूती देने की कोशिश कर रहे हैं और इस तरह की बयानबाजी ठीक नहीं है। पायलट ने कहा कि गहलोत मुझे निकम्मा, नाकारा और गद्दार और न जाने क्या-क्या कह रहे हैं, लेकिन ऐसी भाषा बोलना मेरी परवरिश का हिस्सा नहीं रही। मेरा बार-बार नाम लेने, कीचड़ उछालने और आरोप-प्रत्यारोप करने से कोई फायदा नहीं होने वाला है।