Rajasthan breaking news: कन्हैयालाल हत्याकांड़ के गवाह ने मांगी सुरक्षा, घटना के खौफनाक मंजर को किया बयां
उदयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान की बड़ी खबर में आपको बता दें कि राजस्थान के उदयपुर में 28 जून को कन्हैयालाल की नृशंस हत्या की वारदात क्षेत्र वासियों के दिलों में दहशत बनकर बैठ गई है। हर कोई इस घटना से आहत भी है। इस हत्याकांड के दौरान दुकान पर काम करने वाले दो साथी भी मौजूद थे। ईश्वर और राजकुमार शर्मा नाम के दो साथी कन्हैयालाल की शॉप पर ही टेलरिंग का काम करते हैं। जब गौस मोहम्मद और रियाज कन्हैया लाल की बहरामी से हत्या कर रहे थे तब ये दोनों भी दुकान पर ही मौजूद थे। इनमे ईश्वर शर्मा भी गंभीर रूप से घायल हो गए हैं और राजकुमार शर्मा इस घटना से काफी ड़रे हुए है। उन्होने सरकार से अपनी सुरक्षा की मांग की है।
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इस घटना के प्रत्यक्षदर्शी राजकुमार शर्मा के घर आज जब मीडिया की टीम पहुंची और हत्या के वक्त की वास्तविक तस्वीर या यूं कहें कि आंखों देखी जानने की कोशिश की तो उन्होने कन्हैया लाल की हत्या के खौफनाक मंजर को बयां किया है। साथ ही सरकार से अपनी सुरक्षा की मांग भी की है। इस वारदात के चश्मदीद राजकुमार शर्मा ने बताया कि मंगलवार के दिन कन्हैया लाल ने अपने निर्धारित समय पर दुकान खोली थी। दोपहर 2:30 से 3 के बीच दो लोग मोटरसाइकिल पर सवार होकर दुकान पर पहुंचे। इनमें रियाज और गौस मोहम्मद दोनों कन्हैयालाल से कुर्ते की फिटिंग कराने के लिए गए थे।
कन्हैया लाल ने दोनों से कहा कि कुर्ते की फिटिंग कर देंगे लेकिन आज नहीं हो पाएगा. इस दौरान मैं और ईश्वर दोनों लोग ही मौजूद थे. इस दौरान वे फिटिंग के लिए नाप लेने लगे कि अचानक दोनों ने मिलकर उन पर ताबड़तोड़ हमला करना शुरू कर दिया। कन्हैयालाल के चीखने की आवाज सुनकर वह और ईश्वर पहुंचे तो उनपर भी हमला करने की कोशिश की गई। इस पर मैं पीछे था इसलिए बच गया लेकिन ईश्वर आगे था तो खंजर लगने से वह काफी घायल हो गया। आरोपी कन्हैयालाल को पकड़कर बाहर भी ले आए और वहां भी उनकी गर्दन पर कई बार हमले करते रहे। हैवानियत इस कदर थी कि कन्हैयालाल के दम तोड़ने तक दोनों आरोपी लगातार उनपर खंजर से हमले करते ही रहे।
उन्होंने बताया कि आरोपियों के पास बड़े-बड़े खंजर थे। कन्हैयालाल पर जब दोनों हत्यारे हमला कर रहे थे। उस दौरान कन्हैया यह कहते हुए चिल्ला रहे थे कि 'मुझे मत मारो, मैंने कुछ नहीं किया। मगर आरोपियों ने कुछ नहीं सुना दोनों ने एक नहीं सुनी लगातार हमला करने के बाद दोनों ने घसीटते हुए उन्हें दुकान के बाहर लेकर आए और उन पर खंजर से ताबड़तोड़ हमला कर दिया। इस दौरान आरोपियों ने अपने हथियारों को बैग में डाले और मोटरसाइकिल पर बैठकर मौके से फरार हो गए। इस दौरान आरोपियों का एक कुर्ता दुकान में ही रह गया। जब मै कन्हैयालाल के पास पहुुंचा तब तक वह मर चुका था। राजकुमार ने बताया है कि वह इस घटना के चश्मदीद गवाह है और अब उनकी जान को भी खतरा बन गया है। हालांकि, प्रशासन ने अभी तो सुरक्षा दे रखी है। लेकिन जब सुरक्षा हटा दी जायेगी, तो भी उनको जान का खतरा बना रहेंगा।