leaders of rajasthan: बीजेपी के दिग्गज नेता गुलाब चंद कटारिया का राजनैतिक जीवन, राजस्थान में बीजेपी को मजबूत बनाने की मदद
उदयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान की राजनीति में बीजेपी नेता गुलाब चंद कटारिया एक महत्वपूर्ण नाम है। गुलाब चंद कटारिया ने राजस्थान में बीजेपी को मजबूत बनाने में मदद की है और आज भी वे प्रतिपक्ष के दिग्गज नेता है। आज के इस लेख में हम आपको प्रतिपक्ष नेता गुलाब चंद कटारिया के राजनैतिक जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बाते बता रहें है और प्रदेश बीजेपी पार्टी को मजबूत बनाने में उनके योगदान की जानकारी दे रहें है। गुलाब चन्द कटारिया भारतीय जनता पार्टी के एक दिग्गज राजनीतिज्ञ हैं। वे राजस्थान सरकार के पूर्व गृह मंत्री रह चुके हैं। राजस्थान में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं और पार्टी की केन्द्रीय कार्य समिति के सदस्य हैं। वे उदयपुर के निवासी हैं और वहाँ से लोक सभा के सदस्य रह चुके हैं। पूर्व में वे राजस्थान सरकार में ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री रह चुके हैं।
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बीजेपी के दिग्गज नेता गुलाब चंद कटारिया का जन्म राजसमंद में हुआ है और उनकी पत्नी का नाम सुनिता कटारिया है। गुलाब चंद कटारिया के 5 बेटियां है और वर्तमान वे उदयपुर में रहते है। प्रतिपक्ष नेता गुलाब कटारिया ने 2004 से 2008 तक और फिर 2014 से 2018 तक राजस्थान के गृह मंत्री के रूप में कार्य किया। इसके अलावा गुलाब चंद कटारिया ने 1993 से 1998 के बीच भैरों सिंह शेखावत सरकार में शिक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया है। वह 1993 से 2003 तक बरिसाद्री के विधायक भी रह चुके है। राजस्थान की बीजेपी सरकार में गृहमंत्री गुलाब चन्द कटारिया विधानसभा चुनाव 2018 में उदयपुर से चुनाव लड़े और जीत हासिल की। इस समय वह राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष हैं। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के चुनिंदा वरिष्ठ नेताओं में शुमार कटारिया उदयपुर के निवासी हैं और वहां से 8 बार विधायक और एक बार लोकसभा के सदस्य भी चुके हैं।
पार्टी पदों पर कार्य
1977 - 1980 उपाध्यक्ष एवं महासचिव, जनता युवा मोर्चा
1980 - 1985 सचिव, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), राजस्थान
1986 - 1993 महासचिव, भाजपा, राजस्थान
27/05/1999 - 19/06/2000 भाजपा अध्यक्ष, राजस्थान
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बहुचर्चित सोहराबुद्दीन एनकाउंटर में मामले में गुलाब चंद कटारिया को भी आरोपी बनाया गया था। इस मुठभेड़ को सोहराबुद्दीन के परिवार जनों ने फर्जी मुठभेड़ बताया था और इसे लेकर बाद में राजनीति भी खूब गरमाई थी। सोहराबुद्दीन मामले में सीबीआई ने मुंबई की कोर्ट में 14 मई 2013 को 500 पेज की सप्लीमेंट्री चार्जशीट पेश की थी और तब कटारिया राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष थे। इसमें कटारिया सहित चार लोगों को आरोपी बनाया गया था। हालांकि बाद में इस मामले में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट, मुंबई ने गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया को दोष मुक्त कर दिया था।
हाल ही में विधानसभा में नकलरोधी विधेयक पर उनके भावुक होने पर सदन भी रो पड़ा था। कटारिया ने कहा कि सिर्फ कानून बनाने से कुछ नहीं होने वाला। क्योंकि कानून तो धारा 302 का भी बना हुआ है जिसमें उम्रकैद और फांसी के प्रावधान है। इसके बावजूद भी हत्या की वारदातें होती हैं. ऐसे में सिर्फ नकल विरोधी कानून बनाने से कुछ नहीं होगा। सरकार को भर्ती परीक्षाओं के सिस्टम को सुधारना होगा। सिस्टम सुधरेगा तभी गरीब के बच्चे को नौकरी मिल सकेगी। वरना अमीरों की औलादें नकल और पेपर लीक गिरोह वालों से पेपर खरीदकर नौकरी हथियाते रहेंगे।