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Sawaimadhopur 101 बीघा सीमेंट फैक्ट्री फार्म के आधिपत्य का लोगों ने किया विरोध

 
Sawaimadhopur 101 बीघा सीमेंट फैक्ट्री फार्म के आधिपत्य का लोगों ने किया विरोध

सवाईमाधोपुर न्यूज़ डेस्क, सवाईमाधोपुर जिला मुख्यालय स्थित बंद पड़ी सीमेंट फैक्ट्री की संपत्ति को लेकर हुए विवाद के चलते अब उसके कब्जे वाले 101 बीघा के बगीचे को नष्ट करने की तैयारी की जा रही है. यह विवाद हाल ही में चार दिन पहले तब सामने आया जब मैसर्स गैनन डंकरली एंड कंपनी (जीबीसीएल) के प्रतिनिधि यहां बगीचे को संभालने के लिए आए। सर्वदलीय सीमेंट फैक्ट्री श्रमिक संघर्ष समिति ने इसका विरोध किया। समिति का कहना है कि 24 मार्च 2008 के अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी को अयोग्य घोषित कर दिया था और इसके स्वामित्व को समाप्त कर दिया था। बावजूद इसके इस कंपनी के लोग अवैध रूप से इसकी संपत्ति के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।

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संघर्ष समिति के प्रधान संयोजक वीरेंद्र सिंह भाया ने बताया कि कोर्ट (एएआईएफआर) ने इस कंपनी को साल 1991 में इस फैक्ट्री को चलाने के लिए दिया था. बाद में कंपनी ने कोर्ट को बताया कि उनके पास इस फैक्ट्री को चलाने के लिए चूना पत्थर नहीं है. ऐसे में अब यह फैक्ट्री दोबारा नहीं चलाई जा सकती। अदालत ने 24 मार्च 2008 को कारखाने को चलाने में असमर्थता के लिए कंपनी को अयोग्य घोषित करके एकाधिकार को समाप्त कर दिया। इसके बाद इस फैक्ट्री को चलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली स्थित रुग्ण इकाई को एक और प्रमोटर खोजने का आदेश दिया, जो आज तक नहीं मिला. हम जयपुर इंडस्ट्रीज लिमिटेड के कर्मचारी हैं। इसका कब्जा या कब्जा से हमारा कोई लेना-देना नहीं है। यह मामला मुरारका फाउंडेशन के जयग्रो का है। उनका यहां कार्यालय भी नहीं है। वे अपना काम बिलवा जयपुर से ही करते हैं।
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