PM Modi in Rajasthan: हमारे देश के कुछ लोग विक्रत विचारधार के शिकार हो चुके हैं, जो देश में कुछ भी अच्छा होता हुआ देखना ही नहीं चाहते - पीएम मोदी
राजसमंद न्यूज़ डेस्क। राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले राज्य के गोडवाड़ क्षेत्र को साधने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां पहुंचे हैं। इसी के साथ राजसमंद में श्रीनाथ प्रभु के दर्शन करने के बाद पीएम ने जनता को 5500 करोड़ की परियोजनाओं की सौगात दी है। इस कार्यक्रम में जनसंबोधन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, 'हमारे देश के कुछ लोग विक्रत विचारधार के शिकार हो चुके हैं, जो देश में कुछ भी अच्छा होता हुआ देखना ही नहीं चाहते है, वे केवल विवाद ही करते हैं। पीएम मोदी ने कहा, 'आटा पहले या डाटा पहले? सड़क पहले या सैटेलाइट पहले? लेकिन इतिहास गवाह है कि स्थायी विकास के लिए मूल व्यवस्था के साथ ही आधुनिक इंफ्रा बनाना भी जरूरी होता है। जो लोग कदम-कदम पर हर चीज वोट के तराजू से तोलते हैं, वह देश के भविष्य को ध्यान में रखकर योजना नहीं बना पाते। हमारे देश में इसी सोच की वजह से इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण को प्राथमिकता नहीं दी गई। इसकी वजह से देश को बहुत नुकसान उठाना पड़ा है।
देश के दशकों पुराने रेल नेटवर्क को हमारी सरकार जिस तेज गति से आधुनिक बना रही है, उसका बड़ा लाभ राजस्थान के हमारे भाई-बहनों को भी मिल रहा है। pic.twitter.com/6jbyrqTy0a
— Narendra Modi (@narendramodi) May 10, 2023
पीएम मोदी ने आगे कहा, 'अगर पहले ही मेडिकल कॉलेज बन गए होते, तो देश में डॉक्टरों की कमी नहीं होती है। अगर पहले ही रेलवे लाइनों का बिजलीकरण हो गया होता तो आज हजारों रुपये खर्च कर के ये काम करने की जरूरत नहीं रहती है। अगर पहले ही हर घर नल से जल आने लगता तो आज साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये लगाकर जल जीवन मिशन नहीं शुरू करना पड़ता। नकारात्मकता से भरे हुए लोगों में न दूरदृष्टि होती है न ही वह राजनीतिक स्वार्थ से ऊपर उठकर कुछ सोच पाते है।
जनहित से जुड़ी हर चीज को वोट के तराजू से तौलने वाले कभी लोगों का भला नहीं कर सकते। यही वो सोच है, जिसने दशकों तक राजस्थान सहित देश के कई हिस्सों को विकास से दूर रखा। pic.twitter.com/53Chvb4zvY
— Narendra Modi (@narendramodi) May 10, 2023
पीएम मोदी ने आगे कहा कि पानी के लिए लाखा बंजारा ने अपना जीवन खपा दिया था। हर एक को लगता था कि पानी की समस्या का समाधान गुजरात और राजस्थान में लाखा बंजारा ही करते थे। अगर यही लाखा-बंजारा चुनाव में खड़े हो जाएं, तो नकारात्मक सोच वाले उसको भी हराने के लिए मैदान में आ जाएंगे। उसके लिए भी राजनीतिक पार्टियों का जमघट इकट्ठा करेंगे। बता दे कि पौराणिक समय में एक चरित्र जो बावड़ी और पानी के लिए काम करते थे वह लाखा बंजारा थे।