Rajasthan Assembly Election 2023: बीजेपी नेता वसुंधरा राजे और कांग्रेस के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट की राजस्थान में ही राजनीति करने की इच्छा
जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान के दिग्गज नेताओं में शुमार बीजेपी की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया और कांग्रेस के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच एक समानता साफ तौर पर दिखाई दे रहीं है। दोनों ने राजस्थान में ही राजनीति करने का पक्का मानस बना रखा है। चाहे केंद्रीय राजनीति में उन्हें कितना भी बड़ा पद मिल जाए लेकिन दोनों की एक ही इच्छा है और वह राजस्थान में रह यहां पर ही राजनीति करना है। मिशन 2023 के तहत दोनों पार्टियों के आलाकमान इन दोनों नेताओं को शायद केंद्र में कोई पद दें दे। लेकिन इन दोनों दिग्गज नेताओं की राजस्थान छोड़ने की बिल्कुल भी इच्छा नहीं दिखाई दी है।
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आपको बता दें कि हाल ही पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने के दिल्ली बुलाया गया है। जहां वसुंधरा राजे ने पार्लियामेंट में जाकर पीएम ऑफिस में करीब आंधे घंटे तक मंत्रणा की है। राजस्थान के कई राजनीतिक मुद्दों पर पूर्व मुख्यमंत्री राजे ने पीएम मोदी से चर्चा की है। प्रधानमंत्री के चैंबर में तकरीबन आधे घंटे तक वन-टू-वन मुलाकात हुई। इस मुलाकात में बताया जा रहा कि राजस्थान के कई राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा हुई है। बीजेपी नेता वसुंधरा राजे के पीएम मोदी से की गई इस मुलाकात से राजस्थान के बीजेपी नेता बेहद खुश दिखाई दिए है। वहीं, आपको बता दें कि इस वक्त वसंधरा राजे के बीजेपी से अलग विचार धारा के चलते पार्टी दो भागों में बंटी हुई दिखाई दी है। ऐसे में साल 2023 में होने वाले चुनावों को लेकर अब पार्टी का एक जुट होना आवश्यक है।
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राजस्थान की दिग्गज बीजेपी नेता वसुंधरा राजे और पीएम मोदी के बीच राजस्थान के राजनीतिक हालात और अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर भी चर्चा हुई। राजस्थान भाजपा की कद्दावर नेता वसुंधरा राजे के साथ प्रधानमंत्री की इस मुलाकात को राज्य की राजनीति के लिए एक अहम संदेश के तौर पर भी देखा जा रहा है। वहीं, कांग्रेस की बात करें तो सचिन पायलट का डिप्टी सीएम का पद छिन जाने से कांग्रेस के दो भाग साफ तौर पर नजर आए है। ऐसे में कई बार कांग्रेस के आलाकमान ने सचिन पायलट को दिल्ली बुलाकर राजस्थान की राजनीति के बारें में समीक्षा की है। ऐसे में अब आने वाले 2023 के चुनावों में देखा जायेंगा की किस पार्टी को सत्ता मिलती है और कौनसा नेता अब केंद्रीय राजनीति में कदम रखता है।