Rajasthan Rajya Sabha Election 2022: बीजेपी और कांग्रेस के लिए आज चुनावी रणनीति का आखिरी दिन, कल होगा प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला
जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान में राज्यसभा की 4 सीटों के लिए 5 प्रत्याशियों की दौड़ कल पूरी हो जायेंगी। ऐसे में आज का दिन और रात काफी महत्वपूर्ण है, कांग्रेस और बीजेपी के लिए चुनावी रणनीति बनाने के लिए क्योंकि शुक्रवार को इन प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला होना है। शुक्रवार सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक मतदान होगा और 5 बजे मतगणना के बाद परिणाम घोषित कर दिया जाएगा। इससे पहले आज रात तक दोनों ही दल प्रत्याशियों के लिए अपने विधायकों के प्रथम और अन्य वरीयता के वोट तय कर चुनावी रणनीति बनाने में जुटे हुए नजर आए है।
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राज्यसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और भाजपा दोनों ही राजनीतिक दलों ने अपने विधायकों को बाड़ेबंदी में रखा है। यह बात और है कि राजनीतिक दल इसे अभ्यास वर्ग या अन्य कोई नाम दे रहे हो, लेकिन इन्हीं कैंपों में अब दोनों दल आज तय करेंगे कि अपने किस प्रत्याशी को कौन सा विधायक पहले और दूसरे वरीयता का वोट देगा। बीजेपी 41 विधायकों के नाम तय करेंगे जो पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी घनश्याम तिवाड़ी को प्रथम वरीयता के 41 वोट देंगे। बचे हुए 30 विधायक कौन से होंगे जो भाजपा समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी सुभाष चंद्रा को वोट देंगे यह भी आज रात तक तय होगा। लेकिन पार्टी इसका खुलासा कल सुबह विधायकों को जब वोट डलवाने के लिए लेकर जाया जाएगा तब ही किया जा सकता है।
कांग्रेस ने इन चुनाव में 4 में से 3 सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं। हर प्रत्याशी की जीत के लिए प्रथम वरीयता के 41 वोट चाहिए और कांग्रेस के पास स्वयं के विधायकों की संख्या 108 है।जिनमें बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए 6 विधायक भी मौजूद हैं। वहीं, आरएलडी विधायक सुभाष गर्ग भी सरकार में मंत्री हैं। ऐसे में कांग्रेस के अपने खुद के 109 वोट माने जाएंगे। अब इनमें से ही कांग्रेस को तय करना है की शुरुआत के 41- 41 अपने कांग्रेस विधायकों के वोट किन दो प्रत्याशियों को डलवाए और बचे हुए 27 अपने वोट और अन्य निर्दलीय व छोटे दलों के समर्थन में लिए गए विधायकों के वोट किस प्रत्याशी को डलवाए। यह सब भी आज रात तक तय हो जाएगा, लेकिन इसका खुलासा संभवत: मतदान के दौरान ही होगा।
राज्यसभा चुनाव में भारतीय ट्राइबल पार्टी ने मतदान नहीं करने का निर्णय लिया है। राजस्थान में बीटीपी के दो विधायक हैं, लेकिन जिस तरह इन विधायकों ने हाल ही में मुख्यमंत्री से मुलाकात की उसके बाद इन विधायकों के रूख पर सबकी नजरें टिकी है क्योंकि इन चुनावों में व्हिप लागू नहीं होता। पार्टी स्तर व्हिप का उल्लंघन करने पर भी विधायकों द्वारा दिया गया वोट खारिज नहीं हो सकताहै। मतलब यदि विधायक पार्टी की ओर से अधिकृत एजेंट को वोट दिखा कर देते हैं तो उनका वोट खारिज नहीं होगा. फिर चाहे ये विधायक पार्टी के निर्णय के खिलाफ ही किसी अन्य प्रत्याशी को ही वोट क्यों न दे दे। इन चुनावों में कांग्रेस माकपा विधायकों के समर्थन का दावा कर रही है, लेकिन माकपा ने अब तक पार्टी स्तर पर इसका निर्णय नहीं सुनाया है। माकपा के भी राजस्थान में दो विधायक हैं।
राजस्थान विधानसभा में कुल 200 विधायक हैं। मतलब इन चुनाव में 200 विधायक अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे। इनमें कांग्रेस के खुद के 108 विधायक हैं जबकि आरएलडी के 1 विधायक डॉ. सुभाष गर्ग सरकार में मंत्री हैं। इस तरह कांग्रेस के 109 विधायक हुए है। इसी तरह भाजपा के 71 विधायक, आरएलपी के 3 विधायक, बीटीपी के 2, माकपा के 2 और 13 निर्दलीय विधायक हैं। राज्यसभा चुनाव में उतरे प्रत्याशियों को जीत के लिए प्रथम वरीयता के 41 वोट चाहिए। कांग्रेस ने 3 प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे हैं। इनमें रणदीप सिंह सुरजेवाला, मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवाड़ी शामिल हैं। जबकि भाजपा ने घनश्याम तिवाड़ी के रूप में एक और डॉ. सुभाष चंद्रा के रूप में भाजपा निर्दलीय समर्थित उम्मीदवार मैदान में हैं। जिनके भाग्य का कल फैसला होगा।