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Rajasthan Assembly Election 2023: कांग्रेस की चुनावी तैयारी की कमान खुद सीएम अशोक गहलोत ने संभाली, आदिवासी बहुल सीटो पर नजर

 
Rajasthan Assembly Election 2023: कांग्रेस की चुनावी तैयारी की कमान खुद सीएम अशोक गहलोत ने संभाली, आदिवासी बहुल सीटो पर नजर

जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान में विधानसभा चुनाव अभी दूर है लेकिन तैयारियों का सिलसिला जारी है। भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा की सियासी आहट और बीटीपी की चुनावी चुनौती को देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत वागड़, मेवाड़ और मेवल की पर अपना फोकस बढ़ाया है। बांसवाड़ा डूंगरपुर और उदयपुर में आने वाली आदिवासी बहुल 12 सीटों को साधने के लिए कांग्रेस अपनी नजर बनाए हुए है। कांग्रेस की चुनावी तैयारी की कमान खुद सीएम अशोक गहलोत ने अपने हाथ में ले रखी है। हाल ही में सीएम गहलोत डूंगरपुर के दौरे से वागड़, मैवल और उदयपुर के आदिवासी बहुल इलाकों में सियासी संदेश दिया गया है। कांग्रेस की स्टेट लीडरशिप सीएम गहलोत,प्रभारी अजय माकन और पीसीसी चीफ डोटासरा की मौजूदगी ने स्थानीय कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच जोश भरने का काम किया है।  

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बांसवाड़ा डूंगरपुर और उदयपुर में आने वाली आदिवासी बहुल 12 सीटो पर सीएम गहलोत की नजर है। डूंगरपुर जिले की 4 विधानसभा सीटो में इनमे चौरासी और सागवाड़ा बीटीपी के पास है। केवल डूंगरपुर सीट कांग्रेस के पास है और बीजेपी के पास आसपुर की सीट है। डूंगरपुर से कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा को युवा कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बना रखा है। बांसवाड़ा जिले में 5 विधान सभा क्षेत्र आते है। बागीदौरा और बांसवाड़ा से कांग्रेस विधायक व कुशलगढ़ से निर्दलीय विधायक रमिला खड़िया है जो कांग्रेस सरकार को सपोर्ट कर रहे। घाटोल और गढ़ी से बीजेपी के विधायक है। बागीदौरा से महेंद्रजीत सिंह मालवीय को कैबिनेट मंत्री बना रखा है। बांसवाड़ा से विधायक अर्जुन बामनिया है जिनको सीएम गहलोत ने स्वतंत्र प्रभार के राज्य मंत्री रूप में  पद दे रखा है। लेकिन दक्षिण क्षेत्र में भील मुक्ति मोर्चा के बढ़ते कदम कांग्रेस के लिए एक चुनौती बने हुए है। इसी के चलते सीएम अशोक गहलोत इस क्षेत्र में लगात्ता दौरे कर रहें है।

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उदयपुर के खैरवाड़ा ,प्रतापगढ़ और धरियावद भी आदिवासी बेल्ट में आता है। गहलोत सरकार ने बीते दिनों में आदिवासी बहुल इन क्षेत्रों पर विशेष फोकस किया कारण साफ है पहले ये इलाका घोर कांग्रेस का गढ़ कहा जाता था। बांसवाड़ा के हरिदेव जोशी इस बेल्ट को कांग्रेस के राजनैतिक मानचित्र पर लेकर आए थे। इस इलाके से कांग्रेस का सीएम बनाने का क्रेडिट भी उनको जाता है। लेकिन समय बदलते ही कांग्रेस के लिए परेशानियां पैदा हुई है यहां पर बीटीपी ने कांग्रेस को बीते चुनावों में नुकसान पहुंचाया था। यहां पर अब भील मुक्ति मोर्चा पांव पसार रहा है। सीएम गहलोत के दौरे का ये अर्थ यहां पर कांग्रेस की पुरानी जड़ों को मजबूत करना है। ताकि आगामी 2023 के विधानसभा चुनावों में इस क्षेत्र का उनको लाभ मिले।