Rajasthan Breaking News: कोटा में भारी बारिश से बने बाढ़ के हालात, जलभराव के चलते कई गांव बने टापू
कोटा न्यूज डेस्क। राजस्थान की बड़ी खबर में आपको बता दें कि प्रदेश में शुरू हुए तीसरे दौर के मानसून की बारिश ने प्रदेश में आफत मची दी है। राजस्थान के कोटा संभाग में भारी बारिश का दौर जारी है। इससे कोटा बैराज से पानी की निकासी के चलते एक दर्जन से ज्यादा मार्ग बाधित हैं। जिनमें नेशनल हाईवे, मेगा हाईवे व स्टेट हाईवे पर पानी की चादर देखने को मिल रही है। वहीं, एक दर्जन गांव टापू बन गए हैं। हजारों की संख्या में लोग टापू बने गांवों में फंस गए हैं, जिन्हें निकालने का काम जारी है।
#BreakingNews | #Rajasthan's #Kota flooded due to rains.
— Mirror Now (@MirrorNow) August 23, 2022
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कोटा की कालीसिंध नदी के बहाव में बसे गांव मोहम्मदपुरा को खाली करा लिया है। ग्रामीणों को पास के ही एक स्कूल में शरण दी गई है। कच्चे-पक्के करीब दो दर्जन से ज्यादा मकान कोटा, बारां, बूंदी व झालावाड़ में गिर गए हैं। साथ ही बारां जिले के अंता में बरसाती नाले में एक व्यक्ति के बहने का मामला सामने आया है। बाढ़ से बचाव राहत के लिए करीब 25 से ज्यादा टीमें जुटी हुई हैं। जिसमें एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सिविल डिफेंस और कोटा में नगर निगम की रेस्क्यू टीम शामिल है। एसडीआरएफ के अधिकारियों का कहना है कि नाले में बहे व्यक्ति की मौत हो गई है। उसके शव की तलाश की जा रही है। कोटा बैराज से की जा रही 4 लाख क्यूसेक पानी की निकासी के चलते भी निचले इलाकों में जलभराव का खतरा बना हुआ है।
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#Kota चम्बल नदी पर बना पुल ख़तरे से कम नहीं बरसाती मौसम में#HouseoftheDragon#SupremeCourt #Chambal pic.twitter.com/KsrBaVZHED
— Raghu Gour (@raghugour98) August 22, 2022
कोटा के निचले इलाकों में पानी भर गया है। इससे टापू बने हुए गांवों में स्थिति विकट हो गई है। कई लोगों के घर बारिश के चलते टूट गए हैं। ऐसे में इन लोगों के सामने अब खाने-पीने के साथ मकान की भी समस्या हो गई है, क्योंकि तेज बारिश के चलते उनके खाने-पीने के सामान भी खराब हो गए हैं। जिला कलेक्टर ने सभी सरकारी स्कूलों के प्रिंसिपल को निर्देशित किया है कि जरूरत पड़ने पर स्कूल को आश्रय स्थल बनाया जाए। कोटा शहर में भी घरों में पानी भर जाने के चलते खाने-पीने के सामान बह गए हैं। साथ ही जरूरी सामानों को लेकर ही उन्हें रेस्क्यू कर बाहर निकाला गया है। ऐसे में इन लोगों तक जिला प्रशासन ने राहत पहुंचाने के लिए भोजन की व्यवस्था भी की है।