Floods in Rajasthan: राजस्थान के कोटा संभाग में बाढ़ से जनजीवन प्रभावित, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने किया बाढ़ ग्रस्त इलाकों का हवाई निरीक्षण
कोटा न्यूज डेस्क। राजस्थान में अति भारी बारिश से कोटा संभाग सहित कई जिलों में बाढ़ के हालात हो गए है। ऐसे में राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कोटा संभाग के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया है। उन्होंने बारां और झालावाड़ के एरिया में हेलीकॉप्टर से सर्वे कर निरीक्षण किया है। पूर्व सीएम राजे ने कहा कि दो दिन से चल रही भारी बारिश के कारण राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों में बाढ़ के हालात बने हुए हैं। चंबल नदी का जलस्तर भी खतरे के निशान से ऊपर आ गया है। राज्य सरकार को जल्द अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों को चिन्हित कर राहत व बचाव कार्य तेज करना चाहिए।
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#Jhalawar #kota #Baran
— Dr.Dev Nagar🇮🇳 (@drdev_nagar) August 24, 2022
पूर्व राजस्थान मुख्यमंत्री और भाजपा उपाध्यक्षा श्रीमती @VasundharaBJP जी ने कोटा-झालावाड़-बारां के बाड़ ग्रस्त इलाक़ों का हवाई सर्वेक्षण किया।।@OfficeVRaje pic.twitter.com/og14xiJmuK
झालावाड़ जिले के अकलेरा क्षेत्र में जो 14 लोग जलभराव वाले क्षेत्रों में फंसे हुए थे, उन्हें सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है। वसुंधरा राजे ने लोगों के साथ खड़े रहने की बात कहते हुए लोगों से अपील की है कि इस बाढ़ की विषम परिस्थिति में घबराए नहीं। बाढ़ के हालातों पर नजर बनाए हुए हैं। करीब आधा दर्जन स्थानों पर लोगों के रुकने की व्यवस्था और खाने-पीने का इंतजाम किए हैं। साथ ही प्रशासन को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। कोटा, झालावाड़, भीलवाड़ा, बारां, धौलपुर समेत अन्य जगहों पर बाढ़ आने से जनजीवन अस्त व्यस्त होता हुआ नजर आ रहा है। आमजन को जलभराव के बीच सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की ओर से रेस्क्यू किया जा रहा है। वहीं, कई जगहों पर स्कूल कॉलेज में छुट्टियां दे दी गई है।
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#कोटा_बैराज के 16 गेट खुले...!
— रमेश मीना (@MeenaRamesh91) August 24, 2022
बैराज से 4 लाख 77 हजार क्यूसेक पानी की निकासी...!#Kota#Weathercloud pic.twitter.com/ZKPthi6Tab
बता दे कि राज्य में मूसलाधार बारिश से कोटा बैराज से 16 गेट खोलकर 4 लाख 76 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इससे कोटा बैराज के डाउनस्ट्रीम में कई बस्तियां जलमग्न हो गई हैं। निचले इलाके की बस्तियों में पानी आने से बाढ़ के हालात बन गए हैं। कोटा के इटावा में भी हालात खराब है। आसपास के गांव पूरी तरह से टापू बन गए हैं। चंबल नदी खतरे के निशान से अधिक बहने से 30 से अधिक गांवों में हालात खराब है। चंबल में पानी का स्तर 142.10 मीटर पर बना हुआ है और तेज गति से जलस्तर बढ़ रहा है।