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Rajasthan Breaking News: जोधपुर में भारत और फ्रांस की वायु सेना का संयुक्त गरुड़-7 युद्धाभ्यास, आसमान में एक साथ गरजे 13 फाइटर जेट

 
Rajasthan Breaking News: जोधपुर में भारत और फ्रांस की वायु सेना का संयुक्त गरुड़-7 युद्धाभ्यास, आसमान में एक साथ गरजे 13 फाइटर जेट

जोधपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान की बड़ी खबर में आपको बता दें कि जोधपुर एयरबेस पर भारत और फ्रांस की वायु सेनाओं के बीच संयुक्त युद्धाभ्यास गरुड़-7 दस दिनों से चल रहा है। जोधपुर में चल रहे भारतीय वायु सेना और फ्रांस वायु सेना के संयुक्त युद्धाभ्यास पर दुनिया की निगाहें टिकी हुई हैं।आसमान में मंडराते राफेल, सुखोई और तेजस जैसे एडवांस फाइटर विमानों की दहाड़ दुश्मनों का दिल दहलाने के लिए काफी है। संयुक्त युद्धाभ्यास में दोनों देशों के एयर चीफ ने भी फाइटर जेट्स करीब 1 घंटे तक उड़ाए। भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने राफेल और फ्रांसीसी एयरफोर्स फ्रेंच आर्मी डे एयर के चीफ जनरल स्टीफन ने सुखोई में बतौर को-पायलट उड़ान भरी है। हवा में फ्यूल बढ़ने से लेकर वेपन सिस्टम के नए सिरे से यूज करने की प्रैक्टिस की गई है। 

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जोधपुर एयरबेस पर भारत और फ्रांस की वायु सेनाओं के बीच संयुक्त युद्धाभ्यास गरुड़-7 में कल एक साथ 13 फाइटर जेट और एक ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट ने जोधपुर एयरबेस से उड़ान भरी है। फाइटर जेट हवा में प्रैक्टिस करते रहे और ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट ने हवा में विमानों को फ्यूल भरने की प्रैक्टिस की है। संयुक्त युद्धाभ्यास में दोनों देशों के पायलट्स अनुभवों को एक-दूसरे से शेयर करेंगे। पहले भी जोधपुर एयरबेस पर गरुड़ युद्धाभ्यास में दोनों देशों के चीफ एक दूसरे के फाइटर जेट उड़ा चुके हैं। साल 2014 में गरुड़ युद्धाभ्यास के 5वें संस्करण में भारतीय वायुसेना के तत्कालीन चीफ अरूप राहा और फ्रांसीसी चीफ डेनिस मेर्सियर ने उड़ान भरी थी। 

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भारतीय वायुसेना के चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने पत्रकारों को बताया कि हमने रफाल की अंतर संचालन क्षमता युद्धाभ्यास के दौरान सीखा है। हमारे पायलेट और क्रू सदस्यों ने अभ्यास के दौरान उड़ान की बारीकियों को समझा है। उन्होंने कहा कि हर अभ्यास के साथ कुछ न कुछ बढ़ोतरी होती जाती है। डिग्री, कठिनाइयां और वायुयानों की संख्या बढ़ती जाती है। पिछले अभ्यास के मुकाबले इस बार हमारे चार विमानों ने हिस्सा लिया है। रफाल, सुखोई, जैगुआर और एलसीए भी पहली बार हैं। फ्रांस का टैंकर एअरक्राफ्ट मल्टिरोलर टैंकर ए 400 भी पहली बार शामिल हुआ है। हर अभ्यास के दौरान अनुभव में भी इजाफा होता है। उन्होंने कहा कि फ्रांसीसी वायु सैनिक लंबे समय से राफेल उड़ा रहे हैं और उन्होंने नियमित अभ्यास के दौरान कुछ प्रैक्टिसेज स्टेबलिश पिछले दस से पन्द्रह सालों में कर रखे हैं। ऐसे में इस तरह के अभ्यास से हमें मौका मिलता है कि हम उनकी स्किल से सीखें और किस तहर विभिन्न पस्थितियों में उपयोग लिया जा सकता है।