Rajasthan Breaking News: प्रदेश में बढ़ती कोयले की कमी, कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट में कोयला खत्म होने से बढ़ सकता बिजली संकट
झालावाड़ न्यूज डेस्क। राजस्थान की इस वक्त की बड़ी खबर में आपको बता दें कि राज्य के झालावाड़ जिले में स्थित कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट में 4 दिन का कोयला शेष बचा है। यानि इसमें 47 हजार मेट्रिक टन कोयला शेष है। ऐसे में कोयले की कमी के चलते और कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट में कोयला खत्म होने राज्य में एक बार फिर से बिजली संकट गहरा सकता है। इससे राजस्थान में ब्लैकआउट होने का खतरा भी बना हुआ है।
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जानकारी के मुताबिक कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट की दोनों यूनिट निरंतर कार्य कर रही है. दोनों यूनिटों से 1200 मेगावाट उत्पादन होता और यहां पर 2 से 3 ट्रेन रोजाना कोयले की लगातार आ रही है। लेकिन बीते कुछ दिनों से प्रदेश में कोयले की कमी के चलते राजस्थान में बिजली उत्पादन घट सकता है। कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट के स्टॉक में अब 4 दिन का कोयला शेष बचा है। ऐसे में यदि कोयले की कमी आई तो राज्य में एक बार फिर से बिजली संकट गहरा सकता है। वहीं, गर्मी आते ही बिजली की खपत बढ़ जाती है और ऐसे में अब यह समस्या जल्द ही आने वाली है।
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वहीं, दूसरी तरफ राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत के छत्तीसगढ़ दौरे पर जाने का सकारात्मक परिणाम सामने आया है। छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य को आवंटित कोयला खदान से कोयला निकालने के अनुमति दे दी है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात के एक दिन बाद ही वन एवं पर्यावरण विभाग ने यह मंजूरी जारी की है। इससे राजस्थान सरकार पारसा ईस्ट-केते बासेन कोयला खदान के दूसरे चरण के तहत 1136 हेक्टेयर क्षेत्र में खनन कर सकती है। वन विभाग के प्रमुख सचिव मनोज पिंगुआ ने स्पष्ट किया कि अभी केवल पारसा ईस्ट-केते बासेन के दूसरे चरण से ही खनन की अनुमति दी गई है।