Rajasthan Breaking News: पूर्व डिप्टी सीएम पायलट ने जालोर पहुंचकर मृतक दलित छात्र के परिजनों से की मुलाकात, अपनी ही सरकार पर उठाए यह गंभीर सवाल
जालोर न्यूज डेस्क।। राजस्थान की बड़ी खबर में आपको बता दें कि सचिन पायलट ने मंगलवार को जालोर के सुराणा गांव पहुंचकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की है। यहाँ पर करीब आधे घंटे परिवार के लोगों ने सचिन पायलट को पूरे घटनाक्रम से अवगत करवाया। उन्होंने अपनी ही सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि शव घर में पड़ा था और पुलिस प्रशासन ने लाठीचार्ज कर दिया, यह घटना निंदनीय है। मीडिया से बातचीत करते हुए सचिन पायलट ने अपनी ही सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि शव घर में पड़ा था और पुलिस प्रशासन ने लाठीचार्ज कर दिया। इस मामले में सरकार ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। इसमें प्रशासन की बड़ी लापरवाही दिखाई दी है।
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अपने बच्चे को खोने वाले माता-पिता की पीड़ा को शब्दों में व्यक्त कर पाना संभव नहीं है। मैं आशा करता हूं कि मासूम व उसके परिवार को शीघ्र न्याय मिले और अपराधी को सख्त से सख्त सजा मिले।
— Sachin Pilot (@SachinPilot) August 16, 2022
इसके साथ ही भेदभाव जैसी कुरीतियों व बुराइयों से समाज की रक्षा के लिए हम सभी को आवाज उठानी चाहिए।
पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने अपनी ही सरकार से सवाल किया कि फिर कोई घटना होगी तब हम एक्शन लेंगे? इस सिस्टम को बदलना होगा। आजादी को 75 साल पूरे हो गए हैं और जिस तरह से जातिगत भेदभाव हो रहा है और यह घटना हुई है, वो कहीं ना कहीं बड़े सवाल खड़े करती है। सचिन पायलट ने चुटकी लेते हुए कहा कि सरकार हमारी है, लेकिन आप और हम सभी का दायित्व बनता है कि परिवार को न्याय दिलाएं। सरकार को निजी स्कूल की मान्यता रद्द करके एक अच्छा संदेश देना चाहिए ताकि आमजन और सरकार में भरोसा कायम हो सके।
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उन्होंने कहा कि मृतक छात्र का परिवार खौफ में जी रहा है। जिस तरह के मासूम का शव दफनाने के दौरान पुलिस ने परिवार के लोगों पर लाठीचार्ज किया और उनके दामाद को डिटेन किया, यह दुर्भाग्यपूर्ण है। कम से कम इस मामले में तो सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए थी। कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि परिवार के लोग एडीएम समेत पुलिस अधिकारियों का नाम लेकर अपनी पीड़ा बयां कर रहे हैं। पायलट ने अपनी ही सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि जब तक कानून का भय नहीं रहेगा तो इस तरह की घटनाएं होती रहेंगी। जातिगत भेदभाव वाली मानसिकता को हमें बदलना होगा ताकि सरकार और आमजन के बीच इस्तकबाल कायम रह सके।