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Rajasthan Big News: जैसलमेर में पाक विस्थापितों के घर तोड़ने के मामले में लोगों ने जताया विरोध, कलेक्टर टीना डाबी के दफ्तर के बाहर दिया धरना

 
Rajasthan Big News: जैसलमेर में पाक विस्थापितों के घर तोड़ने के मामले में लोगों ने जताया विरोध, कलेक्टर टीना डाबी के दफ्तर के बाहर दिया धरना

जैसलमेर न्यूज डेस्क। राजस्थान की बड़ी खबर में आपको बता दें कि जैसलमेर में मंगलवार को पाक विस्थापितों के घर तोड़ने के मामले में अब लोगों का विरोध सामने आया है। जैसलमेर के अमरसागर गांव में यूआईटी द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के खिलाफ पाक विस्थापित कलेक्टर टीना डाबी के ऑफिस के बाहर धरने पर बैठ गए हैं। पाक विस्थापितों का आरोप है कि अतिक्रमण हटाने के नाम पर उनके घरों को तोड़ कर उनको बेघर किया गया है। कलेक्टर ऑफिस के बाहर टैंट लगाकर सभी पाक विस्थापित पुरुष, महिलाएं और बच्चे धरने पर बैठ गए। उनकी मांग है कि उनको वापस उसी जगह या किसी दूसरी जगह बसाया जाए।

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बता दे कि जैसलमेर से 5 किमी दूर अमरसागर गांव के पास सरकारी जमीन पर पाकिस्तान से आए शरणार्थी बसे थे। 30 से भी ज्यादा कच्चे आशियाने बनाकर अपने परिवार के साथ रह रहे थे। अमरसागर सरपंच पूनम मेघराज परिहार ने सरकारी जमीन पर अतिक्रमण को लेकर यूआईटी में शिकायतें की थी। इसको लेकर मंगलवार को यूआईटी ने अमरसागर में 2 जेसीबी और पुलिस की टीम के साथ पाक विस्थापितों को हटाया। इस कार्रवाई के दौरान मौके पर अतिक्रमण ध्वस्त करने के दौरान लोगों ने विरोध भी किया। इस विरोध का एक वीडियो भी सामने आया है। जिसमें कई महिलाएं व बच्चे जमीन पर दिख रही है। 

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जिला कलेक्टर टीना डाबी ने बताया कि अमरसागर सरपंच और वहां के निवासियों द्वारा बार-बार अतिक्रमण की शिकायतें की जा रही थीं। शिकायतों में पाक विस्थापितों द्वारा अवैध तरीके से यूआईटी की जमीन और पानी के बहाव और तालाब क्षेत्र में अतिक्रमण करने की बात कही गई थी। इसी आधार पर मंगलवार को 28 अतिक्रमणों को हटाने की कार्रवाई यूआईटी ने की। बाकी की कार्रवाई आने वाले दिनों में की जाएगी। टीना डाबी ने बताया कि जहां ये लोग अतिक्रमण करके बैठे हैं वो 15 से 20 दिनों के भीतर के ही हैं। इनमें से एक खसरा तो किसी को अलॉट किया हुआ है। इन लोगों को कई बार अधिकारियों व कर्मचारियों ने समझाया भी, मगर ये लोग नहीं माने। कलेक्टर टीना डाबी ने बताया कि यूआईटी की ज़मीनों से अतिक्रमण हटाने का अभियान तो अप्रैल महीने से ही सार्वजनिक सूचना देकर किया जा रहा है। ऐसे में कोई भी किसी भी तरह के पुराने कब्जे आदि नहीं हटाए गए हैं। सभी नए और हाल ही में अतिक्रमण किए गए हैं।