Rajasthan Suicide Case: जयपुर में फांसी लगाकर युवक ने की आत्महत्या, मंत्री महेश जोशी समेत कुछ लोगों द्वारा परेशान करने का आरोप
जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान की राजधानी जयपुर से एक युवक के सुसाइड करने का मामला सामने आया है। इससे पहले युवक ने एक वीडियो भी बनाया है। इस वीडियो में मंत्री महेश जोशी समेत कुछ लोगों द्वारा परेशान करने का आरोप लगाया है। घटना की सूचना पर सुभाष चौक थाना पुलिस मौके पर पहुंची है। परिजनों का आरोप हैं कि मृतक राम प्रसाद को इतना टॉर्चर किया गया कि उन्होंने अपनी जान ले ली। मृतक चांदी की टकसाल काले हनुमान मंदिर के पास रहता है। यहां से 200 मीटर दूर ही मृतक की जमीन थी। इस जमीन को लेकर ही विवाद है। सुसाइड से पहले बनाया वीडियो मृतक ने अपनी बेटी को भेजा। पुलिस ने शव को नीचे उतारा, लेकिन परिवार के लोगों ने शव को उठाने से इनकार कर दिया। जिस कमरे में शव रखा है। उस पर ताला लगा दिया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार मृतक राम प्रसाद सुबह जल्दी घर से निकल गया था। फिर घर से 200 मीटर दूर जाकर चाय की दुकान के पास ही एक ट्रांसपोर्ट कंपनी के ऑफिस के अंदर पहुंचा। यह ऑफिस पांच बजे खुल जाती है। चौकीदार ऑफिस खोलने के बाद आसपास निकल जाता है। इसी दौरान राम प्रसाद ऑफिस में घुसा। फिर सुसाइड कर लिया। सुबह 6 बजे मौके से निकले एक ऑटो ड्राइवर ने शव लटका हुआ देखा। बाहर से ऑफिस पूरी तरह से दिखाई देती है। इसलिए ऑटो चालक ने निकलते समय राम प्रसाद को फंदे से लटका हुआ देखा। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई।
सुसाइड से पहले बनाए वीडियो में राम प्रसाद मीणा ने बताया- उसकी जमीन के सभी दस्तावेज होने के बाद भी उसे मकान नहीं बनाने दिया जा रहा है। 339 गिराधारी जी का मंदिर के देवेन्द्र शर्मा, ललित शर्मा, रॉयल शरेटन के मालिक मुंजी टांक, देवा अवस्थी, लालचंद देवनानी और कैबिनेट मंत्री महेश जोशी ने परेशान कर रखा हैं। इसके चलते मैं सुसाइड करने जा रहा हूं। इन लोगों की वजह से मेरी मां और पत्नी बीमार रहती हैं। हर जगह शिकायत देने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई। किरोड़ी लाल मीणा से निवेदन करता हूं की मेरे परिवार को इंसाफ दिलाए। धन्यवाद। मृतक के बेटे अंकित मीणा ने बताया- राम प्रसाद जानते थे उनकी मौत के बाद पुलिस पूरे मामले को दबा देगी। इसलिए उन्होंने मरने से पहले वीडियो बनाकर बेटी को भेजा। पुलिस जब तक मोबाइल को अनलॉक करती और देखती। तब तक बात सभी तक पहुंच जाती। इन लोगों ने राम प्रसाद मीणा को इनता परेशान किया की वह अपनी जान लेने पर मजबूर हो गया।