Rajasthan Strike News: राजस्थान राजस्व विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल जारी, मांगे नहीं मानने पर आंदोलन तेज करने की दी चेतावनी
जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान की बड़ी खबर में आपको बता दें कि राजधानी जयपुर में राजस्थान राजस्व विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल जारी है। विभिन्न मांगाें काे मंगलवार काे जयपुर में चल रहे महापड़ाव में जिले के 50 मंत्रालयिक कर्मचारी शामिल हुए। संगठनों का मानना है कि चुनाव से पहले आखिरी साल में सरकार उनकी मांगों को पूरा कर सकती हैं। इसी के तहत राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ से जुड़े मंत्रालयिक कर्मचारी संगठनाें के आह्वान पर राजस्व कर्मचारियाें काे छाेड़कर 10 अप्रैल से सामूहिक अवकाश पर चले गए। जयपुर में हाेने वाले महापड़ाव के चलते जिले के सभी कर्मचारी हड़ताल पर हाेने से 8 वें दिन मंगलवार काे सभी सरकारी कार्यालयों सहित राजस्व न्यायालयाें के कामकाज ठप्प हो गए। अति आवश्यक कार्य सूचना सहायकों से करवाया जा रहा हैं। कर्मचारियों ने सरकार को अल्टीमेटम दिया की उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई तो वे अनिश्चितकालीन अवकाश पर चले जाएंगे।
सरकार ने बजट में मंत्रालयिक कर्मचारियों की प्रमुख मांगों पर कोई सकारात्मक घोषणा नहीं करने से प्रदेश के एक लाख मंत्रालयिक कर्मचारियों में नाराजगी पनप रही हैं। हड़ताल के कारण कलेक्ट्रेट, शिक्षा विभाग, अल्पसंख्यक मामलात विभाग, महिला बाल विकास विभाग, जिला परिषद, परिवहन विभाग, रजिस्ट्रार ऑफिस, राजस्व न्यायालय सहित अन्य विभागों के कई कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर हाेने से कामकाज बंद रहा है। राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के जिलाध्यक्ष छगनलाल पालीवाल ने बताया कि मंत्रालयिक कर्मचारियों की हड़ताल के चलते जिलास्तर से लेकर उपखंड स्तर के सभी विभागों के मंत्रालयिक कर्मचारी अपनी ग्यारह सूत्री मांगों को लेकर 10 अप्रैल से सामूहिक अवकाश पर हैं। वर्षों से चल रही मांगों पर सरकार द्वारा कोई आदेश नहीं होने से कर्मचारियों में भारी आक्रोश व्याप्त हैं।
500 से अधिक मंत्रालयिक कर्मचारी जयपुर में आयोजित महापड़ाव में शामिल हुए। जिला महामंत्री किशनसिंह झाला ने कहा कि कर्मचारियों ने द्वितीय पदोन्नति के पद सहायक प्रशासनिक अधिकारी को ग्रेड पे 4200 करने, एक नया पदोन्नति का पद उप निदेशक प्रशासन ग्रेड पे 8700 में सृजित करने, कनिष्ठ एवं सहायकों के काटे गए पदों को बहाल करने, कनिष्ठ सहायक का आरंभ वेतन 25500 करने व योग्यता स्नातक करने, पंचायती संस्थाओं के कार्मिकों को भी राज्य कर्मचारी मानते हुए अन्य विभागों के समान पदोन्नति जैसी 11 मांगाें काे लेकर 14 सितंबर 2021 को हुए समझौते को लागू नहीं करने तक आंदोलन जारी रहेगा।