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Rajasthan Politics News: पूर्व डिप्टी सीएम पायलट की बढ़ती मुश्किले, कांग्रेस हाईकमान ने किया मायूस

 
Rajasthan Politics News: पूर्व डिप्टी सीएम पायलट की बढ़ती मुश्किले, कांग्रेस हाईकमान ने किया मायूस

जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान में इस साल चुनाव साल होने के चलते पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट की मुश्किले बढ़ती हुई नजर आ रही है। सचिन पायलट और सीएम गहलोत के बीच लगात्तार दूरी बढ़ रही है और कांग्रेस हाई कमान अभी इस ओर कुछ खास नही करने से पायलट का मायूसी ही मिली है। विधानसभा चुनाव के लिए अब ज्यादा समय बचा नहीं है और इन बातों को लेकर अब सियासी गलियारे में चर्चा तेज है। पिछले कुछ महीनों में तीन बड़े मौके आए और फिर भी कुछ हल नहीं निकल पाया। जबकि इन तीन बड़े अवसरों से यह समझ आया था कुछ तो कुछ स्पष्ट हो जाएगा। मगर इन अवसरों से समाधान निकलने की जगह बात और बिगड़ती चली गई।

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सचिन पायलट को राहुल गांधी ने एसेट तो बोल दिया लेकिन अभी तक कुछ ऐसा दिखा नहीं है। हर जगह गहलोत खेमा ही मजबूत दिख रहा है। भारत जोड़ो के बाद रायपुर अधिवेशन में भी गहलोत की उपस्थिति रही है। एक धड़ा तीन नेताओं पर कार्रवाई की मांग करता रहा लेकिन न तो कार्रवाई हुई और न ही कोई हल निकला है। राजस्थान में जब भारत जोड़ो यात्रा आने वाले थी तो उसके पहले ही यहां पर एक सियासी माहौल दिखा कि पायलट को मौका मिल सकता है। राजेंद्र सिंह गुढ़ा और खिलाड़ी लाल बैरवां जैसे कई विधायक खुलकर सामने आ गए थे। कोटा से लेकर जयपुर तक सचिन के समर्थक दिखने लगे थे। भारत जोड़ो लगभग 21 दिन तक राजस्थान में रही और यहां से चली भी गई। लेकिन कांग्रेस में जो एक सियासी टकराहट बनी थी वो बनी रह गई।

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सचिन पायलट के समर्थकों को रायपुर अधिवेशन से उम्मीद थी कि कोई न कोई हल निकलेगा। मगर अधिवेशन हुआ और बात निकल गई। यहां से भी आलाकमान से पायलट समर्थकों एक झटका ही मिला है। क्योंकि अधिवेशन से पहले जो एआईसीसी सदस्यों की लिस्ट आई वो काफी परेशान करने वाली रही। पायलट के कई समर्थक विधायक उस लिस्ट में नहीं थे। जबकि गहलोत के खास कई नेता उसमें शामिल है। इससे एक बड़ा बदलाव दिखा। साथ ही रायपुर अधिवेशन में पायलट को बोलने का मौका भी नहीं मिला।

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जब राजस्थान में विधान सभा का चुनाव करीब है और कांग्रेस में कोई हल नहीं निकल रहा है। ऐसे में सबकी नजरें अब सचिन पायलट के फैसले पर टिकी हैं। क्या पायलट कोई बड़ा फैसला लेंगे ? या चुनाव तक ऐसा ही चलता रहेगा। वहीं दोनों गुटों में पायलट और गहलोत को लेकर अभी भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। सभी को अब एक और बड़े अवसर का इंतजार है। लेकिन क्या अब कोई अवसर आने वाला है? फिलहाल कांग्रेस का कोई कार्यक्रम तय नहीं दिख रहा है।