Rajasthan paper leak case: नकल करवाने वालों पर की जा रही सख्त कार्रवाई और उनके लिए बना कानून- सीएम गहलोत
जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान में लगात्तार भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक होने के चलते विपक्ष सरकार को लगात्तार घेरने में लगा हुआ है। हाल ही में 3ग्रेड शिक्षक भर्ती में पेपर लीक करवाने वाले के मुख्य सरगना में से एक भूपेंद्र सारण को पुलिस ने अपने गिरफ्त में ले लिया है। ऐसे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का भी पेपर लीक मसले पर बयां सामने आया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पेपर लीक से जुड़े मामले पर बोलते हुए कहा कि नकल करवाने वालों पर कार्रवाई की जा रही है और उनके लिए कानून बना दिया गया है। वहीं इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राजस्थान की कांग्रेस की सरकार ने आमजन के विकास के लिए महत्वकांक्षी योजना शुरू की जिसका आमजन को लाभ मिल रहा है बेरोजगारों को रोजगार दिए जा रहे हैं।
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बता दे कि कि राज्य में 2011 से 2022 के बीच पेपर लीक के लगभग 26 मामले दर्ज किए गए हैं और उनमें से 14 पिछले चार वर्षों में रिपोर्ट किए गए हैं। राज्य भारत की पेपर लीक राजधानी बनता जा रहा है। पेपर लीक के कारण रद्द की गई परीक्षाओं में ग्रेड-तृतीय लाइब्रेरियन के लिए भर्ती परीक्षा है, जिसे दिसंबर 2019 में लीक हुए प्रश्न पत्र के कारण रद्द कर दिया गया था। इसने लगभग 55 हजार उम्मीदवारों को प्रभावित किया, जिन्होंने 700 रिक्त पदों के लिए आवेदन किया था।
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राजस्थान में 2019 के बाद से हर साल औसतन तीन पेपर लीक हुए हैं। इससे लगभग 40 लाख छात्र प्रभावित हुए हैं। एक जांच के दौरान पुलिस अधिकारियों ने पाया कि लीक हुए प्रश्नपत्र 5 से 15 लाख रुपये में बिके हैं। हाल ही में गिरफ्तार पेपर लीक के मास्टरमाइंड भूपेंद्र सारण ने पेपर को खरीदने के लिए एक स्कूल शिक्षक को 40 लाख रुपये का भुगतान किया था, जिसे प्रति छात्र पांच लाख रुपये में बेचा था। जिसके बाद राज्य सरकार ने कार्रवाई करते हुए सारण के कोचिंग संस्स्थान और मकान पर बुलडोर भी चलावाया था। लेकिन फिर भी राज्य में पेपर लीक के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे है।
