Rajasthan Election 2023: विधानसभा चुनाव से पहले बजरंग दल को लेकर सियासत हुई गर्म, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने कांग्रेस के घोषणा पत्र को बताया शर्मनाक
जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले एक बड़ी 'राजनीतिक रामायण' शुरू हो गई है। विधानसभा चुनाव से पहले बजरंग दल को लेकर प्रदेश की सियासत गर्म होती नजर आई है। प्रदेश की राजनीति में राम और रावण के बाद बजरंगबली हनुमान की भी एंट्री हो गई है। इसे लेकर बीजेपी और कांग्रेस में वार-पलटवार शुरू हो गया है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कर्नाटक में बजरंगबली के भक्तों की तुलना पीएफआई के कार्यकर्ताओं से किए जाने की जाने की निंदा की है। वसुंधरा राजे ने बजरंगबली के भक्तों को लेकर दिए गए बयान को शर्मनाक करार दिया है।
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कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में बजरंग बली के भक्तों की तुलना PFI जैसे आतंकी संगठन के कार्यकर्ताओं से की है।जो बेहद शर्मनाक है।
— Vasundhara Raje (@VasundharaBJP) May 2, 2023
इस तुष्टिकरण की नीति का जवाब कर्नाटक की जनता कांग्रेस को अवश्य देगी।
संकट कटै मिटै सब पीरा।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।#Karnataka@BJP4Karnataka
अब माना जा रहा है कि राजस्थान में यह चुनावी मुद्दा होने वाला है। कांग्रेस यहां पर इसे मुद्दा भी बनाना चाह रही है और इससे दूरी भी बनाने के प्रयास कर रही है। बीजेपी और अन्य दलों की नजर इस मुद्दे पर बनी हुई है। राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने ट्वीट करके अपना विरोध जताया है। उन्होंने ट्वीट किया, 'कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में बजरंग बली के भक्तों की तुलना पीएफआई जैसे आतंकी संगठन के कार्यकर्ताओं से की है, जो बेहद शर्मनाक है। इस तुष्टिकरण की नीति का जवाब कर्नाटक की जनता कांग्रेस को अवश्य देगी।' वसुंधरा राजे ने अपने ट्वीट का अंत हनुमान चालीसा की दो पंक्तियां 'संकट कटै मिटै सब पीरा. जो सुमिरै हनुमत बलबीरा..' के साथ की है।
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बता दे कि कांग्रेस पार्टी ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए मंगलवार को अपना घोषणापत्र जारी किया है। घोषणापत्र में कांग्रेस ने बजरंग दल की तुलना पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से की है और कहा कि अगर उन्हें सत्ता पर काबिज होने का अवसर मिला, तो वह इसे बैन करेंगे। इसका असर राजस्थान में ज्यादा देखा जा रहा है। यहां पर अलग-अलग जगहों पर विरोध भी हो रहा हैं। अब भाजपा इस मुद्दे को लेकर मैदान में जाने वाली है। उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया ने बजरंग दल को बैन करने के निर्णय पर कांग्रेस की तीखी आलोचना की थी और वहीं अब पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने इसे शर्मनाक बताया है।