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Rajasthan Breaking News: मेयर सौम्या गुर्जर के बाद तीन पार्षदों की बर्खास्तगी का आदेश रद्द, राजस्थान हाईकोर्ट जयपुर पीठ ने सुनाया फैसला

 
Rajasthan Breaking News: मेयर सौम्या गुर्जर के बाद तीन पार्षदों की बर्खास्तगी का आदेश रद्द, राजस्थान हाईकोर्ट जयपुर पीठ ने सुनाया फैसला

जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान की बड़ी खबर में राजधानी जयपुर से सामने आई है। जयपुर ग्रेटर नगर निगम की मेयर सौम्या गुर्जर के बाद तीन पार्षदों की बर्खास्तगी का आदेश भी राजस्थान हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है। अब मेयर सौम्या की तर्ज पर ये पार्षद फिर से अपने पद और कुर्सी पर काबिज होंगे। राजस्थान के स्वायत्त शासन निदेशालय ने 22 अगस्त 2022 को आदेश जारी कर वार्ड 72 से भाजपा के पार्षद पारस जैन, वार्ड 39 से पार्षद अजय सिंह और वार्ड 103 से निर्दलीय पार्षद शंकर शर्मा को पद से बर्खास्त कर दिया था। इन तीनों पार्षदों को सरकार ने न्यायिक जांच में दोषी पाए जाने पर बर्खास्त किया था। 

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राज्य सरकार ने तीनों पार्षदों को अगले छह साल तक चुनाव लड़ने के लिए भी अयोग्य घोषित कर दिया था। इन पार्षदों को सरकार ने तत्कालीन निगम आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव के साथ दुर्व्यवहार के आरोपों में पद से बर्खास्त किया था, लेकिन हाईकोर्ट ने इनकी बर्खास्तगी के आदेश को रद्द कर दिया। अब ये तीनों बर्खास्त पार्षद फिर से पार्षद बन जाएंगे। राजस्थान हाईकोर्ट जयपुर के जस्टिस इंद्रजीत सिंह की सिंगल बेंच ने यह आदेश जारी किया है।

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इन पार्षदों की ओर से पैरवी करते हुए कोर्ट में सीनियर एडवोकेट आर.एन. माथुर, एडवोकेट आर.के. डागा और एडवोकेट अखिल सिमलोट ने कहा कि मामले में प्रार्थी पक्ष को सरकार ने सुनवाई का कोई मौका नहीं दिया है। यह प्राकृतिक न्याय के सिद्दांतों का उल्लंघन है। इसी मामले में राजस्थान हाईकोर्ट पहले ही मेयर सौम्या गुर्जर को बर्खास्त करने का आदेश रद्द कर चुका है। इसलिए प्रार्थियों का यह केस और फैक्ट्स भी पहले।वाले केस के समान ही हैं। इसलिए तीनों पार्षदों को बर्खास्त करने के आदेश को रद्द किया जाए और इन्हें वापस पार्षद पद पर बहाल किया जाए। ये सभी जनता के चुने हुए जनप्रतिनिधि हैं, जिन्हें गलत प्रक्रिया अपनाकर सरकार ने बर्खास्त किया है। कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस को सुनकर पार्षदों को बर्खास्त करने वाला आदेश रद्द कर न्याय कर दिया।