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Rajasthan Assembly Election 2023: विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस में फिर बढ़ी खींचातान, पायलट ने भ्रष्टाचार को लेकर सीएम गहलोत पर साधा निशाना

 
Rajasthan Assembly Election 2023: विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस में फिर बढ़ी खींचातान, पायलट ने भ्रष्टाचार को लेकर सीएम गहलोत पर साधा निशाना

जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान में इस साल विधानसभा के चुनाव दिसंबर माह में होने वाले है और विधानसभा चुनावों से पहले एक बार फिर राजस्थान कांग्रेस में खीचातान बढ़ती नजर आ रहीं है। वसुंधरा सरकार में हुए भ्रष्टाचार पर कार्रवाई को लेकर एक बार फिर सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर हमला बोला है। पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कहा कि हमने पटवारी पर या अधिकारी पर छापे मारने के लिए वोट नहीं मांगे थे। अनशन के दो सप्ताह के बाद भी सरकार ने कार्रवाई नहीं की है, यह अनशन पार्टी के हित में था। गौरतलब है कि गहलोत ने पायलट के आरोपों पर कहा था कि भ्रष्टाचार पर जितनी कार्रवाई राजस्थान में हुई, उतनी कहीं नहीं हुई है। 

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सचिन पायलट ने कहा कि 25 सितंबर को जो कुछ हुआ, वह सबके सामने है। खुलेआम सोनिया गांधी के आदेशों की अवहेलना हुई, खड़गे साहब और माकन की खुलेआम बेइज्जती की गई। पार्टी विरोधी गतिविधि तो वह थी। उसके बाद कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हुई, फिर थम गई, उस पर भी सवाल उठेंगे, लेकिन इसका जवाब मेरे पास नहीं है। यह बात सच है कि 25 सितंबर की घटना हुई वह उस समय की हमारी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के विरोध में बगावत थी। जो विद्रोह हुआ था, उससे पार्टी और सरकार को क्षति पहुंची थी। सब पब्लिक डोमेन में है। पार्टी ने शो कॉज नोटिस जारी किया। उसके बाद जवाब आए नहीं आए क्या कार्रवाई हुई, यह सवाल तो बनता ही है।

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पायलट ने कहा है कि हमारे प्रभारी रंधावा साहब संजीदा और समझदार व्यक्ति हैं। रंधावा साहब बाकी सब रिपोर्ट दे रहे हैं तो यह रिपोर्ट भी बनानी चाहिए कि हमारे मंत्री और विधायकों पर कई तरह के आरोप लगे हैं, तो कहीं ना कहीं उससे पार्टी और सरकार की छवि को ठेस पहुंच सकती है। उसका भी संज्ञान लेकर खड़गे साहब और एआईसीसी के नेताओं तक पहुंचाना चाहिए ताकि कार्रवाई करें। कोई कितना बड़ा व्यक्ति हो, किसी पद पर बैठा हो, किसी का चहेता हो, किसका दुश्मन हो, लेकिन अगर कहीं जांच के बाद तथ्य आते हैं तो हमें कार्रवाई करने से परहेज नहीं करना चाहिए, क्योंकि सरकार में बैठे लोग भेदभाव नहीं कर सकते। निष्पक्षता से काम करना पड़ेगा।

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महेश जोशी पर आरोप लगाकर जान देने वाले रामप्रसाद मामले में पायलट ने कहा कि मौत से पहले दिया गया बयान कोर्ट में मान्य होता है। जांच तो होनी चाहिए। हर व्यक्ति के नैतिकता के पैमाने अलग-अलग होते हैं। कौन इस्तीफा देता है, नहीं देता है, इस्तीफा लेते हैं, नहीं लेते हैं, यह मेरा सब्जेक्ट नहीं है, लेकिन जांच होनी चाहिए। पायलट ने गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले कहा गया था कि कोई नेता अधिकारी पेपरलीक में शामिल नहीं है। मैंने पहले भी कहा था कि बड़े से बड़ा व्यक्ति जो पेपरलीक में सरगना है ,जो मास्टर माइंड है उन तक पहुंचना चाहिए। छोटे-मोटे दलाल पकड़ने से काम नहीं चलेगा, तह जाना पड़ेगा। आज जो आरपीएससी का मेंबर अरेस्ट हुआ है यह कैसे मेंबर बने, किसने रिकमंड किया था, इसकी तह तक भी जाना चाहिए। क्योंकि कहीं न कहीं और तार जुड़े होंगे।